बतौर टेस्ट कप्तान अपना पहला मैच खेल रहे रोहित शर्मा ने टेस्ट को लेकर अलग रणनीति नहीं बनाई। रोहित शर्मा उस ही योजना पर चलते हुए दिखाई दिए जो उन्होंने वनडे और टी-20 के लिए बनाई है- 'Attack is the best form of Defence'।
यह रोहित शर्मा के सिर्फ एक निर्णय से स्पष्ट हो जात है। पहली पारी में श्रीलंका को 170 के स्कोर पर समेटने के बाद रोहित शर्मा ने तुरंत ही फॉलो ऑन कराने का निर्णय ले लिया।
कई समय से पूर्व कप्तान विराट कोहली फॉलोऑन से बचते हुए नजर आए थे। ऐसी स्थिति में वह एक बार फिर बल्लेबाजी करना पसंद करते और चौथी पारी में सामने वाली टीम को बिखेरने की योजना बनाते। यह रक्षात्मक रवैया कहा जाता है।
लेकिन रोहित शर्मा को अपने गेंदबाजों और पिच के हालातों का ज्ञान था। उन्होंने श्रीलंका को फॉलोऑन देने का जल्द निर्णय ले लिया। हालांकि अगर भारत बल्लेबाजी करता तो शायद विराट कोहली को दुबारा बल्लेबाजी का मौका मिलता लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
रोहित को भी नहीं यकीन मैच 3 दिन में खत्म हुआभारतीय कप्तान रोहित शर्मा ने श्रीलंका से पहला टेस्ट तीन दिन में पारी और 222 रन से जीतने के बाद कहा कि उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि यह मैच तीन दिन में ख़त्म हो जाएगा।
रोहित ने मैच के बाद कहा, 'यह एक कप्तान के तौर पर काफ़ी बढ़िया शुरुआत है। हमारे खिलाड़ियों ने बिल्कुल हमारे प्लान के मुताबिक प्रदर्शन किया। मैंने कभी नहीं सोचा था कि यह उस तरह का टेस्ट मैच होगा जो तीन दिन में खत्म हो जाएगा। बल्लेबाज़ी करने के लिए यह एक अच्छा विकेट था।
आज पर नहीं कल पर है रोहित शर्मा का ध्यानरोहित शर्मा मानते हैं कि उनके लिये मैच जीतने से बड़ी चुनौती बेंच स्ट्रेंथ तैयार करना है और उन्होंने यह जिम्मेदारी अपने कंधों पर ली है ताकि जब वह भविष्य में भारतीय क्रिकेट को छोड़कर जायें तो यह सुरक्षित हाथों में हो।
रोहित ने टेस्ट मैच खत्म होने के बाद कहा, अगर आपको बेंच स्ट्रेंथ बनानी है तो आपको अभी से सोचना शुरू करना होगा, तभी भारतीय क्रिकेट सुरक्षित हाथों में होगा। यह मेरी चुनौतियों में से एक है और मेरी जिम्मेदारियों में से एक है। मैंने यह जिम्मेदारी अपने कंधों पर ली है कि यह बेंच स्ट्रेंथ तैयार करूं और काफी सारी चीजों को ध्यान में रखूं।
टीम अब चेतेश्वर पुजारा और अजिंक्य रहाणे से आगे बढ़ रही है इसलिये युवा खिलाड़ियों को खुद पर भरोसा दिलाना जरूरी है।
उन्होंने कहा, यह मेरे लिये मैच जीतने से कहीं ज्यादा बड़ी चुनौती होगी। मेरे लिये महत्वपूर्ण है कि मैं इन खिलाड़ियों को किस तरह से खिलाता हूं जो बाहर बैठे हैं और मैं उन्हें आत्मविश्वास कैसे दिला सकता हूं।
रोहित ने कहा, जब उन्हें मौका मिले तो उन्हें बहुत स्पष्ट होना चाहिए कि उन्हें क्या करना और हासिल करना है। इससे हमारे प्रदर्शन पर असर पड़ेगा, भले ही हम जीते या फिर हारें।
कप्तान ने यह भी कहा कि कोई भी खिलाड़ियों से आते ही मैच जीताने की उम्मीद नहीं कर सकता।उन्होंने कहा, आप यह नहीं कह सकते कि आपको मैच जीताने होंगे। मैच जीतने के लिये आपको कई चीजें करने की जरूरत है। बेंच स्ट्रेंथ तैयार करने के लिये खिलाड़ियों को स्पष्टता देने की जरूरत है, उनके लिये अच्छा माहौल बनाने की जरूरत है ताकि खिलाड़ी खुशनुमा माहौल में रहकर मैदान में जायें और अपना काम करें।
रोहित ने कहा, उन्हें ज्यादा दबाव महसूस नहीं करना चाहिए। निश्चित रूप से जब आप अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेल रहे होते हैं तो दबाव होता है। लेकिन बाहरी दबाव नहीं होना चाहिए, आंतरिक दबाव ठीक है।