Border Gavaskar Trophy के बाद ही मिली थी 'सर जड़ेजा' की उपाधि, वापसी से भारत को होगा इतना फायदा
घुटने की सर्जरी की वजह से आल राउंडर रविंद्र जडेजा पांच महीने अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट से दूर रहे। इस सर्जरी के कारण वे अगस्त 2022 में आयोजित हुए एशिया कप और टी-20 वर्ल्ड कप में भी हिस्सा नहीं ले पाए। लेकिन 34 वर्षीय भारत के स्टार प्लेयर अब ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ आगामी बॉर्डर गावस्कर सीरीज खेलने के लिए पूरी तरह फिट और तैयार हैं। हाल ही में रविंद्र जडेजा नागपुर में भारतीय टीम के साथ ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 9 फरवरी से होने वाले पहले टेस्ट के लिए अभ्यास करते दिखाई दिए थे।
यह कहना गलत नहीं होगा कि रविंद्र जड़ेजा का करियर ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बॉर्डर गावस्कर सीरीज में ही चमका था। उन्होंने साल 2013 के ऑस्ट्रेलिया के भारत दौरे के दौरान कंगारुओं का नाक में दम कर दिया था। इस सीरीज के दौरान ही उनका नाम सर जड़ेजा के तौर पर आम हो गया था। नजर डालते हैं रविंद्र जड़ेजा के ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अब तक के प्रदर्शन पर
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ रविंद्र जडेजा के आंकड़े (गेंदबाजी) :
-
जडेजा ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सिर्फ 12 टेस्ट मैचों में 18.85 की औसत से 63 विकेट अपने नाम किए हैं।
-
इस तालिका में उनकी सर्वश्रेष्ठ पारी के आंकड़े 6/63 होने के साथ साथ तीन पांच विकेट (3 five wicket haul) शामिल हैं।
-
बाएं हाथ के स्पिनर,रविंद्र जडेजा ने किसी अन्य टीम के खिलाफ इतने अधिक टेस्ट विकेट नहीं लिए हैं।
-
भारतीय मैदानों में उन्होंने ऑस्ट्रेलियाई टीम के खिलाफ 18.02 पर आठ टेस्ट मैचों में 49 विकेट अपने नाम किए हैं।
-
ऑस्ट्रेलियाई सरजमीं पर, उन्होंने चार टेस्ट मैचों में 21.78 की औसत से 14 विकेट लिए हैं।
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ रविंद्र जडेजा के आंकड़े (बल्लेबाजी) :
-
जडेजा ने बल्ले से ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 29.76 की औसत से 387 रन बनाए हैं।
-
उन्होंने ऑस्ट्रेलियाई टीम के खिलाफ चार अर्द्धशतक लगाए हैं, जिसमें उनका सर्वोच्च स्कोर 81 है।
बीसीसीआई की वेबसाइट पर पोस्ट किए गए एक इंटरव्यू में जडेजा ने अपनी वापसी की कठिन प्रक्रिया पर प्रकाश डाला और बताया कि किस तरह नेशनल क्रिकेट अकादमी (NCA) के ट्रेनर्स और फिजियोथेरेपिस्ट ने अपनीं जी जान लगाकर उनकी इस वापसी में मदद की। 'अपने देश के लिए करो' यही वह वाक्य है जिसने सर जडेजा को पूरी तरह से फिट होने के लिए प्रेरित रखा। उन्होंने बताया कि अपने घुटने की सर्जरी के कारण उनके लिए भारतीय टीम के लिए न खेल पाना काफी मुश्किल था।
रविंद्र जडेजा ने अपने इंटरव्यू में कहा "मैं घुटने की समस्या से काफी परेशान था और मुझे सर्जरी की भी ज़रूरत थी। मुझे यह जल्द ही यह फैंसला करना था कि मुझे सर्जरी वर्ल्ड कप से पहले करवाना है या वर्ल्ड कप के बाद। डॉक्टर्स ने मुझे वर्ल्ड कप के पहले घुटने की सर्जरी कराने की सलाह दी क्योंकि फिर वर्ल्ड कप में खेलने की संभावना कम होती। मैं बहुत उत्साहित और खुश हूं कि लगभग पांच महीने से अधिक समय के बाद मुझे फिर से भारतीय जर्सी पहनने का मौका मिला है। मैं खुशनसीब हूं कि मुझे फिर से मौका दिया गया। यहां तक पहुंचने का सफर उतार-चढ़ाव भरा रहा क्योंकि पांच महीनो तक क्रिकेट न खेल पाना बहुत निराशाजनक हो जाता है और मैं फिट होने के लिए बेसब्री से इन्तेज़ार कर रहा था ताकि मैं भारतीय टीम के साथ वापस खेल सकूँ।"
चयनकर्ताओं ने आल राउंडर रविंद्र जडेजा को चार मैचों की बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के पहले हाफ के लिए 17 सदस्यीय टेस्ट टीम में शामिल किया है, जो 9 फरवरी से नागपुर में शुरू होने वाली है। 2020-21 में ऑस्ट्रेलिया में श्रृंखला जीतने के बाद भारतीय टीम बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी का वर्तमान धारक है।
भारतीय टीम को को ऑस्ट्रेलिया से कड़ी परीक्षा का सामना करना पड़ेगा, जो फिलहाल नंबर एक टेस्ट टीम है। बाएं हाथ के ऑलराउंडर, रवींद्र जडेजा टेस्ट में नंबर 5 या नंबर 6 पर बल्लेबाजी करते हैं। टेस्ट मैचों में इनकी बल्लेबाजी भी उतनी ही किफायती है जितनी इनकी बोलिंग और फील्डिंग। जडेजा भारत की टेस्ट टीम का एक महत्वपूर्ण हिस्सा रहे हैं क्योंकि उनकी आल राउंडर के तौर पर उपस्तिथि टीम को संतुलन प्रदान करती है।