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Last Updated : गुरुवार, 21 मई 2020 (07:50 IST)

covid 19 के बाद नए क्रिकेट में ढलने के लिए खिलाड़ियों को मानसिक रूप से दृढ़ होना होगा : गायकवाड़

covid 19 के बाद नए क्रिकेट में ढलने के लिए खिलाड़ियों को मानसिक रूप से दृढ़ होना होगा : गायकवाड़ - Players will have to be mentally strong after covid 19 to enter new cricket: Gaikwad
नई दिल्ली। पूर्व क्रिकेटर और दो बार भारतीय टीम के कोच रहे अंशुमान गायकवाड़ का मानना है कि कोरोना काल के बाद जिंदगी और क्रिकेट एकदम नए स्वरूप में होंगे और खिलाड़ियों को, खासकर भारतीयों को उनके प्रशंसकों की उम्मीदों को देखते हुए इसके अनुरूप ढलने के लिए मानसिक रूप से काफी मजबूत होना होगा। 
 
कोरोना वायरस महामारी के कारण मार्च से ही दुनिया भर में खेल बंद है। अब तक इस महामारी से 5 लाख से अधिक लोग संक्रमित हैं और 3 लाख से अधिक जानें जा चुकी हैं। भारत में एक लाख से ज्यादा मामले हैं और 3300 से अधिक लोग जानें गंवा चुके हैं। 
 
गायकवाड़ ने भाषा को दिए इंटरव्यू में कहा, ‘क्रिकेट पहले जैसा नहीं रहेगा और ना ही खेलने का तरीका। मैदान पर दर्शक नहीं होंगे और इस तरह से खेलना क्रिकेटरों के लिए काफी मुश्किल होगा।’ बीसीसीआई की नौ सदस्यीय एपेक्स काउंसिल में पुरुष क्रिकेटरों के प्रतिनिधि गायकवाड़ ने कहा कि इस लंबे ब्रेक के बाद कोरोना काल से पहले वाली लय हासिल करना भी आसान नहीं होगा। 
 
उन्होंने कहा, ‘यह बहुत लंबा ब्रेक है और अभी भी क्रिकेट बहाल होने में दो-चार या ज्यादा महीने लग सकते हैं। यह कोई थ्योरी नहीं है कि पढकर लिख लिया। आपको अच्छा प्रदर्शन करना होगा। नया क्रिकेट, नई जिंदगी। खिलाड़ी भले ही कितने भी अच्छे हों, उन्हें मानसिक रूप से मजबूत रहना होगा।’ 
 
गायकवाड़ ने कहा, ‘यदि वे मानसिक रूप से मजबूत नहीं होंगे तो उनके लिए आसान नहीं होगा। विराट या रोहित कह सकते हैं कि वे मैदान पर लौटकर वैसे ही बल्लेबाजी करेंगे, जैसे पहले करते थे या बुमराह, शमी या ईशांत कहेंगे कि उसी तरह से गेंदबाजी करेंगे। ये सब बड़े क्रिकेटर हैं और अब ब्रेक के बाद प्रशंसकों की अपेक्षाए भी बढ गई होंगी। उन पर खरे उतरने का अतिरिक्त दबाव होगा।’
 
भारत के लिए 40 टेस्ट और 15 वनडे खेल चुके इस पूर्व बल्लेबाज ने कहा कि हाथ मिलाने या मैदान पर जश्न के मामले में क्रिकेट 60 और 70 के दशक की तरह हो जाएगा। उन्होंने कहा, ‘जब मैं खेलता था, तब विकेट या रनों पर इस तरह का जश्न नहीं होता था। ओवर खत्म होने के बाद अपनी जगह पर खड़े होकर ताली बजाते थे। कोई गले मिलना या जश्न मनाना नहीं होता था।’ 
 
उन्होंने यह भी कहा कि वित्तीय पहलू को ध्यान में रखकर क्रिकेट शुरू करना ही होगा वरना बोर्ड कैसे काम चलाएंगे। उन्होंने कहा, ‘प्रसारण राशि से बोर्ड की अर्थव्यवस्था चलती है। क्रिकेट ही नहीं होगा तो पैसा नहीं आएगा और बोर्ड कैसे काम चलाएंगे। दर्शकों के बिना भी क्रिकेट खेलना ही होगा।’ गायकवाड़ को नहीं लगता कि इस साल के आखिर में टी20 विश्व कप हो सकेगा और उस दौरान आईपीएल के होने की संभावना में भी उन्हें संदेह है।
 
 उन्होंने कहा, ‘मुझे नहीं लगता कि टी20 विश्व कप होगा। आईपीएल उसी विंडो में यानी अक्टूबर नवंबर में हो सकता है लेकिन उस समय पता नहीं हालात कैसे होंगे। यात्रा पाबंदियां हैं और प्रसारण अधिकार स्टार स्पोटर्स के पास है जिसका 80 प्रतिशत तकनीकी क्रू विदेशी है तो वे कैसे आएंगे।’ 
 
लॉकडाउन के दौरान बड़ौदा के पास गांव में संयुक्त परिवार में समय बिता रहे गायकवाड़ ने कहा, ‘हम बीसीसीआई की एपेक्स काउंसिल में इस पर बात करते आए हैं लेकिन कोई नतीजा नहीं मिलता क्योंकि हमें पता ही नहीं है कि उस समय हालात कैसे होंगे।’ (भाषा)
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