टीम इंडिया में शामिल हुआ राहुल द्रविड़ का शिष्य यह तेज गेंदबाज, जानिए क्या है इसकी खूबी
5 सितंबर से शुरू होने वाले एशिया कप के लिए भारतीय टीम का ऐलान हो चुका है। जिसमें राजस्थान के बाएं हाथ के तेज गेंदबाज खलील अहमद को पहली बार सीनियर भारतीय टीम में जगह दी गई है। 20 वर्षीय खलील ने अब तक 17 लिस्ट ए मैच खेले हैं जिनमें उन्होंने 28 विकेट लिए हैं।
राहुल द्रविड़ 2016 अंडर-19 विश्व कप से ही उन पर निगाह रखे हुए हैं। वह हाल में भारत ए के साथ इंग्लैंड दौरे पर भी गए थे। वह हाल में भारत ए के साथ इंग्लैंड दौरे पर भी गए थे। चयनकर्ता विश्व कप से पहले तेज गेंदबाजी में विविधता चाहते हैं तथा जयदेव उनादकट और बरिंदर सरां के अनुकूल परिणाम नहीं देने के कारण उन्होंने अब खलील अहमद को आजमाने का फैसला किया है।
खलील के पिता पेशे से कम्पाउंर हैं। वह अपने बेटे को डॉक्टर बनाना चाहते थे, लेकिन खलील को क्रिकेट में अपना करियर बनाना था। खलील के पिता को शुरुआत में उनका क्रिकेट खेलना पसंद नहीं था। क्योंकि उन्हें लगता कि क्रिकेट में कोई करियर नहीं है और खलील की पढ़ाई पर इसका असर पड़ेगा। लेकिन कोच इम्तियाज अली ने खलील के पिता को समझाने और उनके क्रिकेट खेलना जारी रखने देने में अहम भूमिका निभाई।
5 दिसंबर 1997 को जन्में खलील अहमद की खासियत है उनकी रफ्तार और लाइन लेंथ। वह लगातार 140-145 किमी/घंटा की औसत रफ्तार से गेंदबाजी करते हैं। खास बात यह है कि इतनी स्पीड के साथ गेंदबाजी करने के दौरान गेंद पर उनका नियंत्रण भी शानदार रहता है। वह 2016-17 में दिल्ली डेयरडेविल्स की टीम में भी शामिल थे। आईपीएल 2018 में उन्हें सनराइजर्स हैदराबाद ने 3 करोड़ की भारी-भरकम राशि में खरीदा था।
खलील ने पिछले साल अक्टूबर में राजस्थान के लिए जम्मू-कश्मीर के खिलाफ अपना प्रथम श्रेणी डेब्यू किया और अब तक दो मैचों में 2 विकेट लिए हैं। लेकिन उनकी असली क्षमता छोटे फॉर्मेट्स में दिखी है और अब तक वह 17 लिस्ट ए मैचों में 28 और 12 टी20 मैचों में 17 विकेट ले चुके हैं।
भारत के पूर्व स्टार तेज गेंदबाज जहीर खान ने भी खलील अहमद की तारीफ करते हुए उन्हें एक प्रतिभावान गेंदबाज बताया है। खलील एनसीए में ट्रेनिंग करते रहे हैं और राहुल द्रविड़ को अपना गुरू मानते हैं।