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  4. Karun Nair ruled out of Champions Trophy due to lack of PR says Fans
Written By WD Sports Desk
Last Modified: सोमवार, 20 जनवरी 2025 (12:34 IST)

किस्मत के मारे करुण, फैंस ने कहा PR ना होने के कारण चैंपियन्स ट्रॉफी से हुए बाहर

हजारे ट्रॉफी में रनों के पहाड़ लगाने के बावजूद नायर टीम में नहीं

Karun Nair
करूण नायर ने विजय हजारे ट्रॉफी में 700 से अधिक रन बनाये। सचिन तेंदुलकर ने उनके समर्थन में सोशल मीडिया पर लिखा। लेकिन कुछ काम नहीं आय । आठ साल बाद भारतीय टीम की जर्सी पहनने का उनका सपना टीम संयोजन और समीकरण के चलते चूर चूर हो गया।अजित अगरकर की अगुवाई में राष्ट्रीय चयनकर्ताओं और कप्तान रोहित शर्मा ने चैम्पियंस ट्रॉफी और इंग्लैंड के खिलाफ वनडे श्रृंखला के लिये टीम चुनी तो वे विदर्भ के 33 वर्ष के कप्तान के लिये जगह बना सकते थे।

सवाल उठने लाजमी है कि घरेलू क्रिकेट में इतने रन बनाने का क्या फायदा जब वह चयन का आधार ही नहीं है। यह भी सवाल उठेगा कि घरेलू मैचों में खेलने पर जोर देने के टीम प्रबंधन के फैसले में कितनी ईमानदारी थी।

अगरकर ने कहा कि मौजूदा हालात में नायर को 15 सदस्यीय टीम में चुनना मुश्किल है।उन्होंने प्रेस कांफ्रेंस में कहा ,‘‘ यह कठिन है। ये प्रदर्शन वाकई खास है। 700 या 750 से अधिक की औसत से रन बनाना। हमने उसके बारे में बात की।’

उन्होंने कहा ,‘‘ लेकिन इस समय टीम में जगह पाना काफी मुश्किल है। जिन खिलाड़ियों को चुना गया है , उन्हें देखिये। सभी का औसत अच्छा है। आप सभी को टीम में नहीं ले सकते । 15 खिलाड़ी ही चुने जाने हैं। लेकिन इस तरह के प्रदर्शन (करूण की तरह) पर गौर किया जाता है।’’

घरेलू क्रिकेट में करूण तीसरे नंबर पर उतरते हैं और कभी कभार चौथे या पांचवें नंबर पर भी उतरते हैं।भारतीय टीम में वह क्रम विराट कोहली का है और श्रेयस अय्यर का वनडे में औसत 50 के करीब है जबकि केएल राहुल वनडे के भरोसेमंद बल्लेबाज हैं और विकेटकीपिंग भी कर सकते हैं। ऋषभ पंत आक्रामक बल्लेबाज और विकेटकीपर हैं।

टीम प्रबंधन का जोर अधिक से अधिक हरफनमौलाओं को चुनने पर रहा है जिसकी वजह से हार्दिक पंड्या, रविंद्र जडेजा, अक्षर पटेल और वॉशिंगटन सुंदर टीम में हैं।

इसके साथ ही करूण का नाम घरेलू क्रिकेट के उन धुंरधरों में शामिल हो गया जो अलग अलग कारणों से टीम में जगह नहीं बना सके । इनमें पद्माकर शिवालकर ( 124 मैचों में 589 प्रथम श्रेणी विकेट), राजिंदर गोयल ( 157 मैचों में 750 प्रथम श्रेणी विकेट ), कंवलजीत सिंह ( 11 मैचों में 668 प्रथम श्रेणी विकेट ), अमोल मजूमदार ( 171 मैचों में 11167 प्रथम श्रेणी रन ) और जलज सक्सेना ( 145 मैचों में 464 विकेट और 6834 रन ) शामिल हैं।करूण इस बात से राहत महसूस कर सकते हैं कि उन्होंने छह टेस्ट और दो वनडे खेले हैं।(भाषा)