भारत से हार के बाद पहली गाज गिर सकती है ऑस्ट्रेलियाई कोच लैंगर पर, बोर्ड ने दी चेतावनी
सिडनी:ऑस्ट्रेलिया के मुख्य कोच जस्टिन लैंगर यदि अपनी भूमिका में बने रहना चाहते हैं तो उन्हें अपनी कोचिंग शैली में हर हाल में बदलाव करना होगा। ऑस्ट्रेलिया में सत्र की समाप्ति के बाद गयी समीक्षा में यह चेतावनी दी गयी है।
सूत्रों पर आधारित रिपोर्ट में 'सिडनी मार्निंग हेरल्ड' ने कहा कि 50 वर्षीय लैंगर को उनकी कोचिंग शैली को लेकर यह सीधी और बेबाक प्रतिक्रिया सौंपी गयी है जो 40 खिलाड़ियों और सहयोगी स्टाफ से ली गयी थी।
इस साल के शुरू में भारत ने कई खिलाड़ियों के चोटिल होने के बावजूद पहला टेस्ट गंवाने के बाद शानदार वापसी करके आस्ट्रेलिया को चार मैचों की श्रृंखला में 2—1 से हराया था। इसके बाद कुछ खिलाड़ियों ने लैंगर की प्रबंधन शैली को लेकर असंतोष व्यक्त किया था।
लैंगर को 2018 में डेरेन लीमन के गेंद से छेड़छाड़ के मामले के कारण पद छोड़ने के बाद चार साल के लिये मुख्य कोच नियुक्त किया गया था।
खिलाड़ियों ने टीम मैनेजर गेविन डोवे के प्रति भी असंतोष जताया है।खिलाड़ियों की इस प्रतिक्रिया पर लैंगर के जवाब से यह तय होगा कि उन्हें नया अनुबंध सौंपा जाएगा या नहीं।
क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया के राष्ट्रीय टीम के प्रमुख बेन ओलिवर ने समाचार पत्र को दिये गये बयान में कहा, 'यह पिछले विश्व कप और 2019 एशेज के बाद की गयी प्रक्रिया के ही समान है जहां टीम ने अच्छा प्रदर्शन किया था। ' उन्होंने कहा, 'यह हमारी मैदान के अंदर और बाहर के सुधार की प्रतिबद्धता का हिस्सा है और हमें उम्मीद है कि इससे आगामी टी20 विश्व कप और घरेलू एशेज श्रृंखला के लिये टीम की तैयारियों में मदद मिलेगी।'
ऑस्ट्रेलियाई कोच जस्टिन लैंगर के कोच रहते ऑस्ट्रेलियाई टीम ने अपनी ही धरती पर भारत से दो बार बॉर्डर गावस्कर सीरीज गंवाई है। पहले साल 2018-19 में फिर साल 2020-21 में। हाल ही में कप्तान टिम पेन ने कप्तानी से हटने के संकेत दिए थे लेकिन क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया के रवैये से लगता है कि कोच जस्टिन लैंगर पर इस हार के बाद सबसे पहले गाज गिरेगी।
पहली बार सीरीज हारने के बाद जस्टिन लैंगर ने कहा था कि ईमानदारी से कहूं तो इस चरण में श्रृंखला में मुख्य अंतर पुजारा और कोहली ने पैदा किया है। वहीं दूसरी बार एक साक्षात्कार में लैंगर ने कहा कि आप किसी भी सूरत में भारतीय टीम को कमजोर समझने की गलती नहीं कर सकते।
गौरतलब है कि आखिरी बॉर्डर गावस्कर सीरीज में भारतीय टीम को चोटों से जूझना पड़ा था और युवा क्रिकेटरों ने लगभग हर विभाग में वरिष्ठ खिलाड़ियों की जगह ली थी।
(भाषा)