Border Gavaskar Trophy के पहले टेस्ट से बाहर हुआ यह कंगारू पेसर जिसे कहते हैं मैक्ग्राथ का डुप्लिकेट
बेंगलुरु: ऑस्ट्रेलिया के तेज गेंदबाज जॉश हेज़लवुड भारत के खिलाफ नौ फरवरी से शुरू होने वाले पहले टेस्ट मैच से चोट के कारण बाहर हो गये हैं। क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया (सीए) ने रविवार को यह जानकारी दी।
सीए ने बताया कि हेज़लवुड पिछले महीने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ खेले गये टेस्ट मैच के दौरान लगी एड़ी की चोट से जूझ रहे हैं। हेज़लवुड इसके कारण यहां अभ्यास सत्र में भी हिस्सा नहीं ले सके हैं और कम से कम पहले टेस्ट से बाहर रहेंगे।
उल्लेखनीय है कि हेज़लवुड से पहले वामहस्त तेज गेंदबाज मिचेल स्टार्क भी पहले टेस्ट से बाहर हो चुके हैं, जबकि हरफनमौला कैमरन ग्रीन भी उंगली की चोट के कारण गेंदबाजी नहीं कर सकेंगे। ऐसे में ऑस्ट्रेलिया के पास नागपुर टेस्ट के लिये स्कॉट बोलैंड और लांस मॉरिस के ही विकल्प रह जाते हैं।
हेज़लवुड ने अपनी चोट के बारे में कहा, "सिडनी टेस्ट मैच की चोट अब भी बरकरार है। मैं घर पर (भारत) दौरे से पहले काफी हद तक गेंदबाजी कर रहा था। यह (चोट) शायद ठीक नहीं हो रही था जैसा कि मैं प्रत्येक सत्र के बीच चाहता था।"
इसी बीच, बोलैंड ने रविवार को कप्तान पैट कमिंस के साथ अभ्यास सत्र में हिस्सा लिया। हेज़लवुड का मानना है कि बोलैंड उनकी कमी बखूबी पूरी करेंगे।
हेज़लवुड ने कहा, "स्कॉटी (बोलैंड) ने मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड (दक्षिण अफ्रीका टेस्ट) पर भी अच्छी गेंदबाजी की जहां पिच सपाट थी। वहां गेंद ज्यादा स्विंग नहीं हो रही थी तो उन्हें पता है कि लंबे समय तक कसी हुई गेंदबाजी कैसे करनी है।"
उन्होंने कहा, "हमारे पास लांस मॉरिस भी है जो पिछले एक महीने से रिवर्स स्विंग पर काम कर रहे हैं और यहां भी कुछ सत्रों में अच्छी मेहनत की है। यह खिलाड़ी भारतीय उपमहाद्वीप में खेलने के लिये उत्साहित हैं। यह इससे पहले यहां नहीं खेले लेकिन काबिलियत जरूर रखते हैं।"
नागपुर में पहले टेस्ट के बाद भारत और ऑस्ट्रेलिया क्रमशः दिल्ली, धर्मशाला और अहमदाबाद में भी एक-एक टेस्ट खेलेंगे। भारत को विश्व टेस्ट चैंपियनशिप (डब्ल्यूटीसी) के फाइनल में पहुंचने के लिये यह सीरीज जीतना जरूरी है, जबकि ऑस्ट्रेलिया सिर्फ एक सकारात्मक परिणाम के साथ डब्ल्यूटीसी फाइनल में पहुंच जायेगा।
एकदिवसीय क्रिकेट का दूसरे सबसे घातक तेज गेंदबाज जोश हेजलवुड ऑस्ट्रेलिया के लिए क्रिकेट का हर प्रारूप खेलते हैं। वह ऑस्ट्रेलिया के लिए लगभग वही काम करते हैं जो ग्लेन मैक्ग्राथ 90 के दशक में कंगारू के लिए किया करते थे। साल 2014 में अपने टेस्ट करियर की शुरुआत करने वाले हेजलवुड अब तक 59 टेस्ट में 25 की औसत और 2.7 की इकोनामी के साथ 222 विकेट ले चुके हैं।