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Written By WD Sports Desk
Last Updated : गुरुवार, 21 नवंबर 2024 (15:03 IST)

जसप्रीत बुमराह की कप्तानी में कभी नहीं जीता भारत, क्या पर्थ टेस्ट में खुलेगा खाता

कप्तानी को एक पद नहीं , जिम्मेदारी के रूप में देखता हूं : बुमराह

जसप्रीत बुमराह की कप्तानी में कभी नहीं जीता भारत, क्या पर्थ टेस्ट में खुलेगा खाता - Jasprit Bumrah reflects on the role of Captaincy ahead of perth test
INDvsAUSजसप्रीत बुमराह को हमेशा से जिम्मेदारी लेना और चुनौतियों का सामना करना पसंद है और यही वजह है कि आस्ट्रेलिया के खिलाफ बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी के पहले टेस्ट में भारतीय टीम की कप्तानी को लेकर वह रोमांचित हैं।इंग्लैंड के खिलाफ 2022 के एडबस्टन टेस्ट के बाद वह दूसरी बार रोहित शर्मा की गैर मौजूदगी में कप्तान होंगे।

इस एडबस्टन टेस्ट में भारत ने इंग्लैंड को 378 रनों का पहाड़ जैसा लक्ष्य दिया था जो इंग्लैंड की टीम ने 76.4 ओवरों में 3 विकेट खोकर प्राप्त कर लिया था।  बुमराह ने इस टेस्ट में पहली पारी में 3 और दूसरी पारी में 2 विकेट लिए थे।

उन्होंने पहले टेस्ट से पूर्व प्रेस कांफ्रेंस में कहा ,‘‘ मैं कप्तानी को एक पद के तौर पर नहीं देखता। मुझे हमेशा से जिम्मेदारियां उठाना पसंद रहा है।’’
उन्होंने कहा ,‘‘ मैं बचपन से कठिन काम करने का शौकीन रहा हूं। कठिन हालात में काम करना मुझे पसंद है और यह एक नयी चुनौती है।’’
उन्हें पता है कि यह जिम्मेदारी एक टेस्ट के लिये ही है लेकिन इससे इनकार नहीं है कि वह भविष्य में कप्तानी करना चाहेंगे।

बुमराह ने कहा ,‘‘ स्वाभाविक है कि रोहित को मैं नहीं बोलूंगा कि मैं कर लेता हूं। वह हमारा कप्तान है और बेहतरीन काम कर रहा है। अभी यह एक मैच के लिये है लेकिन भविष्य के बारे में कौन जानता है।’’
उन्होंने कहा ,‘‘ अगले मैच में हालात बदल सकते हैं और क्रिकेट में ऐसा ही होता है। मैं फिलहाल वर्तमान में जी रहा हूं। मुझे एक जिम्मेदारी मिली है जो मैं पहले भी एक बार उठा चुका हूं और मुझे बहुत मजा आया। मैं यही सोच रहा हूं कि अपनी ओर से सर्वश्रेष्ठ योगदान कैसे दे सकता हूं । भविष्य पर मेरा वश नहीं है।’’

उनका मानना है कि किसी और की कप्तानी शैली की नकल करने से काम नहीं चलता।उन्होंने कहा ,‘‘ आपको किसी की नकल करने की बजाय अपनी शैली तलाशनी होगी। विराट और रोहित काफी कामयाब रहे हैं और नतीजे भी दिये हैं । मेरा तरीका यही है कि मैं कॉपीबुक रणनीति पर अमल नहीं करता।’’

बुमराह ने कहा ,‘‘ मेरी गेंदबाजी में भी आपको दिखेगा कि मेरी अपनी शैली है। मैने हमेशा ऐसे ही क्रिकेट खेली है।’’उनका मानना है कि तेज गेंदबाज रणनीति के माहिर होते हैं और अच्छे कप्तान बनते हैं। उन्होंने आस्ट्रेलिया के कप्तान पैट कमिंस और भारत के पूर्व कप्तान कपिल देव का उदाहरण दिया।

बुमराह ने हमेशा से खुद को नेतृत्व दल का हिस्सा माना है।उन्होंने कहा ,‘‘ जब रोहित होता है या विराट कप्तान था , तब भी मैं हमेशा अतिरिक्त योगदान देना चाहता था । मैने उनसे सीखने की कोशिश की और अब नये खिलाड़ियों के साथ मैं अपना अनुभव बांटता हूं।’’
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