जसप्रीत बुमराह के बिना जीते दोनों मैच, खत्म हो सकता है विशेष दर्जा
जब तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह को इंग्लैंड के खिलाफ श्रृंखला के पांचवें टेस्ट के लिए भारतीय टीम से रिलीज कर दिया गया था तो लगा नहीं था कि उनकी कमी नहीं खलेगी।श्रृंखला का पांचवां और अंतिम टेस्ट लंदन के केनिंग्टन ओवल में खेला गया। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने शुक्रवार को एक बयान जारी कर यह जानकारी दी थी।
बुमराह को उनके कार्य प्रबंधन को देखते हुए सीरीज के तीन टेस्टों में ही खेलाया गया। वह पहले, तीसरे और चौथे टेस्ट में ही खेले ।
दिलचस्प बात यह रही कि जसप्रीत बुमराह जिन मैचों में भारत के साथ नहीं थे भारत सिर्फ वही दो मैच जीत पाया। अब जब ऐसा लग रहा है कि भारत जसप्रीत बुमराह पर जीत के लिए ज्यादा निर्भर नहीं है तो हो सकता है आगे चलकर उनके कार्यभार प्रबंधन Work Load Management को ज्यादा तवज्जो नहीं मिले।
BCCI के निकटतम सूत्रों की माने तो अब जसप्रीत बुमराह को किसी भी टेस्ट सीरीज में सिर्फ तब ही मौका दिया जाएगा जब वह पूरे सीरीज के लिए फिट घोषित हों। मोहम्मद सिराज और प्रसिद्ध कृष्णा अब टीम प्रबंधन की निगाह में दीर्घकालिक रहेंगे। ऐसे में जसप्रीत बुमराह को अन्य गेंदबाजों पर मिला विशेष दर्ज जल्द छिन सकता है।
जसप्रीत बुमराह ने हालांकि इस दौरे पर खराब गेंदबाजी नहीं की। उन्होंने 119.4 ओवरों में 14 विकेट लिए और टूर्नामेंट के चौथे सर्वश्रेष्ठ गेंदबाज साबित हुए। इनमें से 2 बार उन्होंने 5-5 विकेट लिए।
फिजियो ने उनके अंतरराष्ट्रीय भविष्य के लिए एक निश्चित खाका तैयार किया है जिसके तहत वह इंग्लैंड में केवल तीन टेस्ट मैच खेले।
कई लोगों का मानना है कि इस पर एक निश्चित योजना बनाने का समय आ गया है कि इस प्रमुख तेज गेंदबाज का उपयोग कैसे किया जाए।बुमराह को करीब से देखने वाले एक पूर्व खिलाड़ी ने पीटीआई को बताया, टीम में उनकी अहमियत पर कोई संदेह नहीं है। लेकिन प्रबंधन और बोर्ड को इस पर चर्चा करने की जरूरत है कि उनका उपयोग कैसे किया जाए - एक सभी प्रारूप में खेलने वाले गेंदबाज के रूप में या उन्हें केवल एक या दो प्रारूप पर ध्यान केंद्रित करने के लिए कहा जाए।
उन्होंने कहा, सिराज, आकाशदीप और प्रसिद्ध ने हमें दिखाया है कि वे भारत के लिए टेस्ट मैच जीत सकते हैं। आइए हम उनका पूरा समर्थन करें। हमारे सामने दो महत्वपूर्ण टूर्नामेंट (टी20 और एकदिवसीय विश्व कप) आने वाले हैं और हमें उनके लिए बुमराह को तैयार रखना होगा। घरेलू मुकाबलों (वेस्टइंडीज, दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ) के लिए हमारे पास जडेजा के साथ वाशिंग्टन और कुलदीप भी हैं और यहां बुमराह की भूमिका उतनी बड़ी नहीं होगी।
इस पूर्व खिलाड़ी ने कहा, अगर आप मेरे से पूछें तो उन्हें अभी सफेद गेंद के प्रारूपों पर अधिक ध्यान केंद्रित करने के लिए कहा जाना चाहिए क्योंकि अगले दो वर्षों में उनके खेलने के लिए पर्याप्त टी20 और एकदिवसीय मैच हैं। आईपीएल भी है। सभी प्रारूपों में कुछ मैच खेलने के बजाय, उन्हें एक ही प्रारूप में सभी मैच खेलने देना बेहतर है। इससे टीम को फायदा होता है।