India vs South Africa : कोरोना वायरस और बारिश का असर धर्मशाला वनडे के टिकटों की बिक्री पर
धर्मशाला। नोवेल कोरोना वायरस के संक्रमण के खतरे और खराब मौसम के कारण भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच गुरुवार को यहां होने वाले 3 मैचों की एकदिवसीय श्रृंखला के पहले मैच के टिकटों की बिक्री प्रभावित हुई है।
हिमाचल प्रदेश क्रिकेट संघ (HPCA) के स्टेडियम में गुरुवार को होने वाले श्रृंखला के पहले मैच के मंगलवार तक 22 हजार में से केवल 16 हजार टिकट बिके थे। इस संख्या में हालांकि इजाफा होने की उम्मीद है क्योंकि आयोजकों को अभी आनलाइन साझेदार पेटीएम से बिक्री के आंकड़े नहीं मिले हैं।
एचपीसीए के एक शीर्ष अधिकारी ने बताया, हमने काउंटर पर लगभग 16000 टिकट बेचे हैं लेकिन हमें अभी तक Paytm से बिक्री के आंकड़े नहीं मिले हैं। सामान्य तौर पर यहां अंतरराष्ट्रीय मैचों के टिकटों की मांग काफी अधिक होती है लेकिन इस बार कोरोना वायरस संक्रमण का असर पड़ा है।
उन्होंने कहा, मुकाबले के लिए लगभग 1000 विदेशी प्रशंसक आते थे, जो इस बार विभिन्न यात्रा परामर्शों के कारण नहीं आ रहे। आसपास के राज्यों पंजाब, हरियाणा और दिल्ली से भी काफी दर्शक आते थे जिनकी संख्या मौजूदा स्थिति के कारण इस बार अधिक नहीं है। इस श्रृंखला के लिए राष्ट्रीय टीम के साथ दक्षिण अफ्रीका का कोई पत्रकार यात्रा नहीं कर रहा है।
एचपीसीए ने भी मैदान के अंदर और बाहर बड़े-बड़े होर्डिंग लगाए हैं, जिसमें लोगों को कोरोना वायरस के खिलाफ एहतियाती कदमों के बारे में जानकारी दी गई है। अधिकारी ने कहा, हम पूरे स्टेडियम में होर्डिंग लगाकर दर्शकों को कोरोना वायरस से बचने के एहतियाती कदमों के बारे में सूचना दे रहे हैं।
खराब मौसम के कारण भी टिकटों की बिक्री प्रभावित हुई है। उत्तर पाकिस्तान और जम्मू-कश्मीर के ऊपर बने पश्चिमी विक्षोभ के कारण मैच के दिन गुरुवार और शुक्रवार को आंधी और बारिश की भविष्यवाणी की गई है।
एचपीसीए अधिकारी ने कहा, बारिश भी एक मुद्दा है लेकिन मौसम हमारे हाथ में नहीं है। लेकिन बारिश की स्थिति में हमारे पास मैदान को दो घंटे मे तैयार करने के लिए उपकरण हैं।
यहां मंगलवार रात से बारिश हो रही है। बुधवार को टीमों के अभ्यास सत्र के बाद भी यहां तेज बारिश हुई जिसके कारण पूरे मैदान को ढकना पड़ा। स्थानीय लोगों, प्रशंसकों और आयोजकों ने स्टेडियम के समीप स्थिति इंद्रुनाग मंदिर में प्रार्थना भी की है। इंद्रुनाग बारिश के स्थानीय देवता हैं।