मैथ्यूज और चांडीमल के शतक से श्रीलंका संभला
नई दिल्ली। पूर्व कप्तान एंजेलो मैथ्यूज (111) और कप्तान दिनेश चांडीमल (नाबाद 147) के शानदार शतकों पर भारतीय गेंदबाजों की अंतिम सत्र में वापसी भारी पड़ गई और मेहमान टीम ने तीसरे और अंतिम क्रिकेट टेस्ट के तीसरे दिन की खेल की समाप्ति तक अपने नौ विकेट 356 रन पर गंवा दिए।
श्रीलंका अभी भारत के पहली पारी के 536 रन के स्कोर से 180 रन पीछे है और उसका मात्र एक विकेट बाकी है। भारत ने रविवार को सात विकेट पर यह स्कोर बनाकर पारी घोषित कर दी थी। श्रीलंका ने सुबह तीन विकेट पर 131 रन से आगे खेलना शुरू किया था और उसने लंच तक तीन विकेट पर 192 रन और चायकाल तक चार विकेट पर 270 रन बना लिए थे।
लेकिन चायकाल के बाद मैच ने नाटकीय रूप से पलटी खाई और श्रीलंका ने मात्र 26 रन जोड़कर अपने पांच विकेट गंवा दिए। श्रीलंका का स्कोर चार विकेट पर 317 रन से अचानक ही नौ विकेट पर 343 रन हो गया। भारतीय गेंदबाजों ने अंतिम सत्र में दमदार वापसी की और श्रीलंका के पांच विकेट झटक डाले।
ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने चायकाल के पहले मैथ्यूज को आउट किया था और चायकाल के बाद उन्होंने दो विकेट निकाले जबकि इशांत शर्मा, मोहम्मद शमी और रवींद्र जडेजा ने एक-एक विकेट निकाला। श्रीलंकाई टीम अंतिम सत्र में लड़खड़ा गई और तीन मैचों की सीरीज़ में 1-0 से आगे चल रहा भारत ड्राइवर सीट पर पहुंच गया।
मैच के दूसरे दिन दूसरे सत्र में प्रदूषण की शिकायत करने वाले श्रीलंकाई खिलाड़ियों ने तीसरे दिन पूरे दिनभर बल्लेबाजी की लेकिन वह प्रदूषण को लेकर अंपायर के पास नहीं गए। मैच में आज दिनभर धूप के दर्शन नहीं हो पाए और पूरे दिनभर का खेल फ्लड लाइट में ही हुआ।
तमाम मुश्किलों के बावजूद श्रीलंका के पूर्व और मौजूदा कप्तानों ने फिरोज़शाह कोटला मैदान पर सराहनीय संघर्ष का प्रदर्शन किया। मैथ्यूज़ ने अपना सातवां और चांदीमल ने 10वां शतक बनाया। मैथ्यूज़ ने सुबह 57 रन और चांदीमल ने 25 रन से अपनी पारी को आगे बढ़ाया। श्रीलंका ने तीन विकेट पर 131 रन से आगे खेलना शुरू किया।
ऑलराउंडर मैथ्यूज़ ने दो साल का शतक सूखा समाप्त करते हुए 231 गेंदों में 12 चौकों और दो छक्कों की मदद से अपना शतक पूरा किया। उन्होंने 19 टेस्ट और 37 पारियों के बाद जाकर शतक बनाया है, हालांकि मैथ्यूज को उनके छह और 98 के स्कोर पर जीवनदान भी मिले। उन्हें एक और जीवनदान 104 के स्कोर पर मिला था, लेकिन उन्होंने भारत के तेज़ और स्पिन गेंदों का डटकर सामना किया।
दूसरी ओर कप्तान चांदीमल ने भी सराहनीय संघर्ष दिखाते हुए 341 गेंदों में 18 चौकों और एक छक्के की मदद से नाबाद 147 रन बना लिए हैं। चांदीमल और मैथ्यूज ने चौथे विकेट के लिए 319 मिनट में 477 गेंदों का सामना करते हुए 181 रन की साझेदारी की।
मैथ्यूज का विकेट चायकाल से ठीक पहले गिरा और वह 111 पर आउट होकर नेल्सन फिगर का शिकार बन गए। मैथ्यूज 380 मिनट क्रीज पर रहे और उन्होंने 268 गेंदों का सामना करते हुए 14 चौके और दो छक्के लगाए।
सुबह के सत्र में श्रीलंका के 200 रन पूरे हो जाने के बाद 82वें ओवर में दूसरी नई गेंद ली। लेकिन इशांत की पहली ही गेंद पर रोहित शर्मा ने दूसरी स्लिप पर मैथ्यूज का आसान कैच टपका दिया। उस समय मैथ्यूज का स्कोर 98 रन था। मैथ्यूज को कल छह रन के स्कोर पर भी इसी तरह जीवनदान मिला था।
शतक पूरा करने के बाद मैथ्यूज जब 104 के स्कोर पर थे तो लेफ्ट आर्म स्पिनर जडेजा की गेंद पर स्थानापन्न खिलाड़ी विजय शंकर मिडऑफ पर मैथ्यूज़ का मुश्किल कैच नहीं लपक सके। अश्विन ने आखिर चायकाल से थोड़ा पहले मैथ्यूज को साहा के हाथों कैच कराकर इस साझेदारी का अंत किया। चायकाल के समय चांदीमल 98 और सदीरा चार रन पर नाबाद थे।
चायकाल के बाद चांदीमल ने अपना 10वां टेस्ट शतक पूरा कर लिया। चांडीमल और समरविक्रमा ने पांचवें विकेट के लिए 61 रन जोड़े। इशांत ने समरविक्रमा को साहा के हाथों कैच कराकर श्रीलंका पर दबाव बना दिया। साहा ने डाइव लगाकर नीचा कैच लपका। समरविक्रमा ने 61 गेंदों पर 33 रन में सात चौके लगाए।
श्रीलंका का पांचवां विकेट 117 के स्कोर पर गिरा। अश्विन ने पदार्पण टेस्ट खेल रहे रोशन सिल्वा को फारवर्ड शॉर्टलेग पर शिखर धवन के हाथों कैच करा दिया। सिल्वा अपना खाता नहीं खोल सके। विकेटकीपर निरोशन डिकवेला खाता खोले बिना अश्विन की गेंद पर बोल्ड हो गए।
सुरंगा लकमल (पांच) को मोहम्मद शमी ने साहा के हाथों कैच कराया, जबकि जडेजा ने लाहिरू गमागे (एक) को पगबाधा कर दिया। चांदीमल 444 मिनट क्रीज पर रह चुके हैं और उन्होंने 341 गेंदों में 147 रन में 18 चौके और एक छक्का लगाया है। उनके साथ लक्षण संदकन खाता खोले बिना नाबाद हैं।
भारत की ओर से अश्विन ने 35 ओवर में 90 रन देकर तीन विकेट, शमी ने 24 ओवर में 74 रन पर दो विकेट, इशांत ने 27 ओवर में 93 रन पर दो विकेट और जडेजा ने 44 ओवर में 85 रन पर दो विकेट लिए। (वार्ता)