धर्मशाला टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया पर भारत की बड़ी जीत, सीरीज़ पर भी कब्ज़ा
धर्मशाला। भारत ने धर्मशाला टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया को मैच के चौथे दिन लंच से पहले आठ विकेट से हराकर न केवल मैच जीता बल्कि चार टेस्ट मैचों की सीरीज़ पर 2-1 से कब्ज़ा भी जमा लिया। भारत को जीत के लिए 106 रनों का लक्ष्य मिला था, जिसे उसने केवल दो विकेट खोकर हासिल कर लिया। लोकेश राहुल 51 रन बनाकर और कार्यवाहक कप्तान अजिंक्य रहाणे 38 रन बनाकर नाबाद रहे।
भारत ने पहला टेस्ट हारने के बाद 2-1 से बार्डर-गावस्कर ट्राफी पर अपना कब्जा किया। यह चौथा मौका है जब भारतीय टीम ने पहला मैच हारने के बाद टेस्ट सीरीज अपने नाम की है। इससे पहले वर्ष 2000-01 में भारत ऐसा ही ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ भी कर चुका है।
भारतीय टीम ने मैच के तीसरे ही दिन अपना शिकंजा कंगारूओं पर कस दिया था और 106 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए सुबह के सत्र में उसने 23.5 ओवर में दो विकेट के नुकसान पर 106 रन बनाकर जीत अपने नाम कर ली। राहुल और रहाणे ने तीसरे विकेट के लिए 60 रन की अविजित साझेदारी कर जीत की औपचारिकता को पूरा किया।
ओपनर राहुल एक बार फिर अहम साबित हुए और उन्होंने 76 गेंदों में नौ चौके लगाकर नाबाद 51 रन की अर्धशतकीय पारी खेली तथा विराट कोहली की अनुपस्थिति में कप्तानी कर रहे रहाणे ने 27 गेंदों में चार चौके और दो छक्के लगाकर नाबाद 38 रन बनाए।
धर्मशाला के एचपीसीए स्टेडियम में भारतीय टीम ने सुबह अपनी पारी को कल के 19 रन से आगे बढ़ाया और उस समय तक उसके सभी 10 विकेट सुरक्षित थे। बल्लेबाज राहुल 13 रन और मुरली विजय छह रन पर नाबाद थे तथा भारत को जीत के लिए मात्र 87 रनों की जरूरत थी। पहले विकेट के लिए राहुल ने मुरली के साथ 46 रन की साझेदारी की और 13वें ओवर में जाकर पैट कमिंस ने मैथ्यू वेड के हाथों मुरली को कैच करा दिया।
मुरली ने 35 गेंदों में आठ रन बनाए। लेकिन फिर इसी स्कोर पर आस्ट्रेलिया ने चेतेश्वर पुजारा को खाता खोलने का मौका भी नहीं दिया और ग्लेन मैक्सवेल ने उन्हें रनआउट कर दूसरा विकेट भी झटक लिया। हालांकि आसान लक्ष्य का पीछा कर रही भारतीय टीम को इससे ज्यादा फर्क नहीं पड़ा क्योंकि एक छोर पर सलामी बल्लेबाज राहुल टिककर रन बनाते रहे।
राहुल ने फिर रहाणे के साथ मिलकर बिना किसी और विकेट नुकसान के लक्ष्य को हासिल कर भारत को आठ विकेट से मैच में जीत दिला दी। राहुल ने 76 गेंदों में अपने 50 रन पूरे किए जो उनका इस मौजूदा सीरीज में छठा अर्धशतक था। वह साथ ही पुजारा के बाद दूसरे सर्वश्रेष्ठ स्कोरर भी रहे।
ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों के पास अपना बचाव करने के लिए कोई स्कोर नहीं था और उन्होंने भी हताशा में मैच की औपचारिकता पूरी की। भारत की ओर से गिरे दो विकेटों में एक रन आउट रहा और कमिंस ने 42 रन पर एक विकेट लिया। (वार्ता)