Duke Ball Controversy IND vs ENG 3rd Test : भारत-इंग्लैंड टेस्ट श्रृंखला में ड्यूक गेंद को लेकर खिलाड़ियों की ओर से काफी आलोचना हुई है लेकिन इसके मालिक दिलीप जाजोदिया चाहते हैं कि खेल के सुपरस्टार इस विवादास्पद विषय पर थोड़ा और धैर्य दिखाएं। तीसरे टेस्ट के दौरान जाजोदिया ने पीटीआई से कहा कि इंग्लैंड में असामान्य रूप से गर्म मौसम और मौजूदा समय में बल्लेबाजों के आक्रामक खेल को ध्यान में रखते हुए उनकी कंपनी सुधार करने के लिए हमेशा तैयार रहती है।
डयूक गेंद (Duke Ball) 18वीं सदी से इंग्लैंड में इस्तेमाल हो रही है।
Lords में खेले जा रहे तीसरे टेस्ट मैच के दूसरे दिन सुबह के सत्र में दो बार गेंद को बदला गया। महज 10 ओवर के खेल के बाद गेंद को दोबारा बदलने को लेकर भारतीय खिलाड़ियों में रोष दिखा।
उन्होंने कहा, विश्व क्रिकेट में केवल तीन मान्यता प्राप्त निर्माता हैं (ड्यूक्स, एसजी और कूकाबुरा)। क्रिकेट गेंद बनाना आसान नहीं है। यह अगर आसान होता, तो दुनिया भर में सैकड़ों निर्माता होते।
जाजोदिया ने कहा, इसलिए मुझे लगता है कि खिलाड़ियों को यह समझने की जरूरत है कि हम हाथ पर हाथ धरे बैठे नहीं हैं। हम अपनी पूरी कोशिश कर रहे हैं। अगर कोई समस्या है तो उसकी समीक्षा की जाएगी और हम उसका हल निकालने की कोशिश करेंगे। चाहे वह चमड़े की खराबी हो या किसी और चीज की। हम इसकी जांच करेंगे। मैं आराम से बैठा सिगार नहीं पी रहा हूं।
उन्होंने कहा, खिलाड़ी मेरी क्रिकेट गेंद की आलोचना कर सकते हैं। मैं भी खराब शॉट या खराब गेंद के लिए उनकी आलोचना कर सकता हूं। आप जानते हैं मेरा क्या मतलब है? आपको समझदार होना होगा।
श्रृंखला के दूसरे टेस्ट मैच के बाद शुभमन गिल (Shubman Gill) और ऋषभ पंत (Rishabh Pant) ने गेंद के इतनी जल्दी नरम होने और आकार बदलने पर निराशा व्यक्त की थी। अपने टेस्ट करियर में 604 में से ज्यादातर विकेट ड्यूक गेंद से लेने वाले इंग्लैंड के पूर्व तेज गेंदबाज स्टुअर्ट ब्रॉड (Stuart Broad) ने भी तेजी से खराब हो रही गेंद के खिलाफ बात की है।
जाजोदिया ने कहा, सुपरस्टार (बड़े खिलाड़ी) बहस कर सकते हैं। मुझे वही बनाना होगा जो वे चाहते हैं। मैं बस इतना ही कह सकता हूँ। आलोचना करना बहुत आसान है।
जाजोदिया से जब इस गेंद की जल्दी खराब होने के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, इस पर मौसम का बड़ा असर होता है। क्रिकेट खेलने का तरीका और बल्ले का प्रकार बदल रहा है। खिलाड़ी शॉट में ज्यादा ताकत का इस्तेमाल कर रहे हैं। गेंद समय-समय पर बाउंड्री के बाहर कठोर चीजों से टकराती है। ऐसे में भी यह गेंद 80 ओवर तक चलती है और यह एक चमत्कार की तरह है।
ड्यूक गेंद पर लेकर ईसीबी की नाराजगी के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, नहीं, कोई तात्कालिक प्रतिक्रिया नहीं मिली है। हम एक टेस्ट श्रृंखला के बीच में हैं। मैं पूरे सम्मान के साथ कह रहा हूं कि पिछले मैचों में दो नतीजे आए हैं। इसमें भारत ने एक मैच जीता है। कप्तान गिल ने किसी भी अन्य खिलाड़ी से अधिक रन बनाए हैं। दो गेंदबाजों ने 6 विकेट लिए। तो मैं बस यही कह सकता हूँ कि असुविधा के लिए मुझे खेद है लेकिन कम से कम आप क्रिकेट तो खेल रहे हैं।
भारत में घरेलू और अंतरराष्ट्रीय दोनों स्तरों पर एसजी टेस्ट बॉल का उपयोग किया जाता है। जाजोदिया का मानना है कि भारत जैसे विशाल क्रिकेट खेलने वाले देश को गेंद के अधिक विकल्पों की आवश्यकता है और उनकी कंपनी बढ़ते बाजार की जरूरतों को पूरा करने के लिए अपनी उपस्थिति का विस्तार करेगी।
कंपनी मेरठ में है, लेकिन उसकी सभी गेंदों को इंग्लैंड में अंतिम रूप दिया जाता है।
जाजोदिया ने पिछले हफ्ते बेंगलुरु की अपनी यात्रा के दौरान भारत में एक कार्यालय पंजीकृत किया है, जिससे यह स्थिति बदलने वाली है। उन्होंने बीसीसीआई अधिकारियों से भी मुलाकात की जो गेंद का परीक्षण कर रहे हैं। अनुभवी प्रशासक बृजेश पटेल ड्यूक्स के भारत संचालन के प्रमुख होंगे।
जाजोदिया ने कहा, मैं मेरठ से गेंदें खरीद रहा था और उन्हें यहां (इंग्लैंड) अंतिम रूप दे रहा था। लेकिन अब हम उन्हें भारत में भी अंतिम रूप देंगे। हम अपनी उपस्थिति बढ़ा रहे हैं क्योंकि हमारा मानना है कि अब भारत में समय सही है। मेरा मतलब है, अर्थव्यवस्था, उत्साह, बीसीसीआई क्रिकेट में जो सुविधाएं दे रहा है, बेंगलुरु में जो सुविधा है (वह सब इसके लिए अनुकूल है)। (भाषा)