लगातार 3 विश्वकप से नजरअंदाज हो रहे युजवेंद्र चहल ने काउंटी डेब्यू पर किया धमाल
भारतीय लेग स्पिनर Yuzavendra Chahal युजवेंद्र चहल ने केंट के साथ काउंटी चैंपियनशिप में अपने अभियान की प्रभावी शुरुआत करते हुए डिविजन एक मुकाबले में नॉटिंघमशर के खिलाफ तीन विकेट चटकाए।मौजूदा एशिया कप और आगामी विश्व कप के लिए भारतीय टीम से अनदेखी के बाद 33 साल के इस स्पिनर ने 29 ओवर में 63 रन देकर तीन विकेट चटकाए।
चहल ने नॉटिंघमशर के बल्लेबाजों मैथ्यू मोंटगोमरी, लिंडन जेम्स और कैविन हैरिसन को आउट किया जिससे केंट के 446 रन के जवाब में टीम 265 रन पर सिमट गई। केंट ने चार दिवसीय मुकाबले के तीसरे दिन पहली पारी के आधार पर 181 रन की बढ़त हासिल की।चहल ने सबसे पहले अपनी लेग स्पिन पर जेम्स को बोल्ड किया।
केंट ने इसी सत्र में भारत के तेज गेंदबाज अर्शदीप सिंह के साथ भी करार किया था जिन्होंने पांच मैच में 13 विकेट चटकाए।चहल भारत की टी20 टीम के नियमित सदस्य हैं लेकिन इस साल जनवरी से एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय मुकाबले नहीं खेले हैं। वह भारतीय टीम की ओर से पिछली बार वेस्टइंडीज के खिलाफ पांच मैच की टी20 अंतरराष्ट्रीय श्रृंखला में खेले थे।
इस लेग स्पिनर ने केंट की ओर से तीन काउंटी मुकाबले खेलने के लिए करार किया है। वह नॉटिंघमशर और लंकाशर के खिलाफ घरेलू मैदान पर दो मुकाबले खेलने के बाद समरसेट के खिलाफ उसकी सरजमीं पर खेलेंगे।
लगातार 3 विश्वकप में चूके युजवेंद्र चहल, नहीं बना पाए वनडे टीम में जगहभारतीय स्पिनर युजवेंद्र चहल को एशिया कप के लिए चुनी गयी 17 सदस्यीय भारतीय टीम में जगह नहीं मिली जिससे वह एक बार फिर विश्व कप मैचों को खेलने से चूक गए। पिछले दो विश्व कप (T20I) में से चहल एक में टीम का हिस्सा नहीं थे जबकि 2022 टी20 विश्व कप में टीम में होने के बाद भी उन्हें एक भी मैच में खेलने का मौका नहीं मिला। चहल के लिए हालांकि टीम के दरवाज़े पूरी तरह से बंद नहीं हुए है क्योंकि भारत में होने वाले एकदिवसीय विश्वकप के लिए अभी तक बदलाव की संभावना है। लेकिन वह तब ही है जब कोई खिलाड़ी विश्वकप से पहले चोटिल हो जाए, वह भी स्पिन गेंदबाज या ऑलराउंडर। चहल कभी बीच के ओवरों में भारतीय गेंदबाज़ी की रीढ़ माने जाते थे।
चहल और कुलदीप यादव की कलाई की स्पिनरों की जोड़ी को कुल-चा' के उपनाम से जाना जाता है। कुलदीप टीम में जगह बनाये रखने में सफल रहे है लेकिन चयनकर्ताओं ने चहल की जगह अक्षर पटेल पर भरोसा जताया है जो रविंद्र जडेजा की तरह गेंद और बल्ले दोनों से योगदान दे सकते हैं। भारतीय टीम मैनेजमेंट विश्व कप में तेज गेंदबाजों पर अधिक भरोसा कर रहा है। ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या कुलदीप, जडेजा और अक्षर जैसे स्पिनर बीच के ओवरों में टीम को लगातार अंतराल पर विकेट दिला पायेंगे। यह भी सवाल उठ रहा कि चहल को टीम में नहीं रखने से क्या भारत को एक बार फिर पिछले एशिया कप की तरह खामियाजा उठाना होगा। आईपीएल में शानदार प्रदर्शन के आधार पर वरुण चक्रवर्ती को राष्ट्रीय टीम में जगह दी गयी थी लेकिन यह अबूझ स्पिनर अपनी छाप छोड़ने में पूरी तरह से विफल रहा।
एशिया कप में अगर भारतीय टीम का यह गेंदबाज़ी संयोजन कारगर नहीं रहता तो घरेलू मैदान पर 50 ओवर की सबसे बड़ी प्रतियोगिता से पहले टीम को अपने विकल्पों पर पुनर्विचार करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा। टीम में दाएं हाथ के कलाई के स्पिनर के अलावा कोई ऑफ स्पिन गेंदबाज़ भी नहीं है। रोहित शर्मा ने चहल को बाहर करने के बारे में पूछे जाने पर कहा, हम अश्विन और वाशिंगटन सुंदर के रूप में एक ऑफ स्पिनर टीम में रखने पर विचार कर रहे थे लेकिन अभी आप देख रहे हैं कि चहल बाहर है क्योंकि हम 15 खिलाड़ियों को ही चुन सकते थे।'' उन्होंने कहा, एक तेज़ गेंदबाज़ को बाहर करने पर ही हम उनका चयन कर सकते थे।
हम ऐसा नहीं कर सकते थे क्योंकि अगले दो महीनों में तेज गेंदबाजों की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण होगी। इनमें से कुछ लंबे समय बाद वापसी कर रहे हैं इसलिए हम उन पर अच्छी तरह से गौर करना चाहते हैं और देखना चाहते हैं कि वे टीम के लिए कितने फायदेमंद हो सकते हैं।
चहल ने 2022 की शुरुआत के बाद से 50 ओवर के प्रारूप में 16 मैचों में 24 विकेट लिए हैं। अक्षर इस दौरान 14 मैचों में अधिक किफायती रहे है लेकिन उन्होंने 13 विकेट ही चटकाये हैं। चयनकर्ताओं ने पांच सितंबर तक विश्व कप के लिए प्रारंभिक टीम की घोषणा करनी थी और ऐसे में इस टीम में चहल की वापसी की संभावना बेहद कम थी।हुआ भी बिल्कुल वैसा ही अब युजवेंद्र चहल के लिए अंतिम किरण की आशा किसी की चोट के बलबूते टीम में वापसी है।