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Last Updated : रविवार, 19 फ़रवरी 2023 (18:26 IST)

ऑस्ट्रेलिया के 6 खिलाड़ियों ने की एक ही तरह की गलती, टीम को भुगतना पड़ा बड़ा खामियाजा

ऑस्ट्रेलिया के 6 खिलाड़ियों ने की एक ही तरह की गलती, टीम को भुगतना पड़ा बड़ा खामियाजा - australia 6 batters dismissed playing sweep shots against ashwin ravindra jadeja ind beat aus
नई दिल्ली। ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों के आउट होने के तरीकों को देखते हुए यह कहना बिलकुल वाजिब होगा कि उन्होंने यहां दूसरे टेस्ट में भारतीय स्पिनरों के खिलाफ खुद की हार के लिए गड्‍ढा ‘स्वीप शॉट’ खेलकर खोदा।
तीसरे दिन जब ऑस्ट्रेलियाई टीम खेलने उतरी तो उसने 62 रन की बढ़त बनाई हुई थी और उसके पास नौ विकेट थे जिससे उम्मीद थी कि मैच रोमांचक रहेगा।
 
ऑस्ट्रेलियाई टीम से शनिवार जैसा ही आक्रामक रवैया अख्तियार करने की उम्मीद थी लेकिन ‘स्वीप शॉट’ पर अत्यधिक जोर देना टीम पर भारी पड़ गया और उन्होंने 19.1 ओवर में 52 रन के अंदर 9 विकेट खो दिए।
इससे टीम नागपुर में सीरीज के पहले मैच की तरह दूसरे टेस्ट में भी तीन दिन के अंदर आउट हो गई।
 
स्टीव स्मिथ, मैट रेनशॉ, एलेक्स कैरी, पैट कमिंस और 11वें नंबर के मैथ्यू कुहनेमैन पारंपरिक स्वीप या रिवर्स स्वीप शॉट खेलने की कोशिश में आउट हुए।
 
यह शॉट भारतीय स्पिनरों के खिलाफ ऑस्ट्रेलिया की अपने हालात में आक्रामक विकल्प हो सकता है लेकिन यह एकमात्र विकल्प नहीं हो सकता, विशेषकर कोटला जैसी धीमी पिच पर।
 
पूर्व भारतीय विकेटकीपर दीप दासगुप्ता ने कहा कि भारत में बहुत ही कम उम्र में खिलाड़ियों को बता दिया जाता है कि नीची उछाल वाली पिचों पर स्वीप नहीं करना। यह कारगर नहीं होता। इसका सबसे बड़ा उदाहरण स्टीव स्मिथ का आउट होना था।
 
उन्होंने कहा कि धीमी उछाल भरी पिच पर ‘होरिजोंटल’ (समानान्तर) शॉट खेलना इतना मुश्किल होता है। यह निराशाजनक था। ऐसा लग रहा था कि कोई भी आस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों को इसके बारे में नहीं बता रहा था। ’’
 
अपना 100वां टेस्ट खेल रहे चेतेश्वर पुजारा ने भी कहा कि इतनी जल्दी जल्दी स्वीप शॉट खेलना आदर्श नहीं था। उन्होंने कहा कि यह पिच स्वीप शॉट खेलने के नहीं है, इस पर कम उछाल था। शायद उनके डिफेस में आत्मविश्वास की कमी से आस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों ने बार बार स्वीप की कोशिश की।
 
 
जब आस्ट्रेलियाई विकेट लगातार गिर रहे थे तो दिनेश कार्तिक कमेंटरी कर रहे थे, उन्होंने कहा कि मेहमान टीम की रणनीति ड्रेसिंग रूम में ही तय हो गई थी और वे परिस्थितियों के अनुसार नहीं खेले।
 
कार्तिक ने कहा कि जब आपने ड्रेसिंग रूम में ही रणनीति बना ली हो कि मैं इसी तरह से बल्लेबाजी करूंगा तो इससे आप मुश्किल में पड़ सकते हो। 
 
 
पिछले साल टी-20 विश्व कप में खेलने वाले कार्तिक ने कहा कि आप पिच पर आते हो, परिस्थितियों को देखते हो, तभी बल्लेबाजी योजना बनाते हो, फिर आपके सामने जैसे हालात होते हैं, उसके अनुसार ही सामंजस्य बिठाते हो। अगर आपने कल ही इसका फैसला कर लिया था तो इससे आपको परेशानी होगी ही।’
 
पूर्व भारतीय कप्तान दिलीप वेंगसरकर को लगता है कि आस्ट्रेलियाई खिलाड़ी आर अश्विन और रविंद्र जडेजा जैसे बेहतरीन स्पिनरों से निपटने के लिये तैयार नहीं हैं। उन्होंने कहा कि स्पिनरों के खिलाफ बल्लेबाजी एक कला होती है और दुर्भाग्य से आस्ट्रेलियाई खिलाड़ी बेहतरीन स्पिन के खिलाफ खेलने आदी नहीं हैं। 
 
स्वीप करना आपकी रणनीति का अहम हिस्सा हो सकता है लेकिन गलती का अंतर बहुत कम होता है। उन्होंने कहा कि स्वीप शॉट पर नियंत्रण करना मुश्किल होता है। लेकिन फुटवर्क काफी खराब रहा। सबसे खराब स्वीप शॉट कमिंस का रहा और वह जडेजा की पहली ही गेंद पर गैर जरूरी स्लॉग स्वीप करने की कोशिश में आउट हुए।   

क्या बोले कप्तान : ऑस्ट्रेलिया के कप्तान पैट कमिंस ने कहा कि उनके ज्यादातर बल्लेबाज स्वीप और रिवर्स स्वीप जैसे जोखिम भरे शॉट खेलने को लेकर सहज नहीं थे लेकिन स्पिनरों से निपटने के लिए उन्होंने यह तरीका अपनाया। उप-कप्तान स्टीव स्मिथ सहित कम से कम 5 ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज इस तरह के शॉट खेलने की कोशिश में कम उछाल वाली पिच पर गच्चा खाकर आउट हो गए।

कमिंस ने मैच के बाद संवाददाता सम्मेलन में कहा कि मुझे लगा कि उन्होंने (भारत) वास्तव में अच्छी गेंदबाजी की है। बल्लेबाजी आसान नहीं थी, लेकिन शायद कुछ खिलाड़ी अपने तरीके से भटक गए। कमिंस ने माना कि इस तरह की पिचों पर सभी बल्लेबाज एक ही तरीके को नहीं अपना सकते।

उन्होंने कहा कि हर बल्लेबाज के खेलने का एक तरीका होता है। मुझे नहीं लगता कि कोई एक तरीका किसी परिस्थिति में सबको को रास आयेगा।

दुर्भाग्य से, हम में से कुछ ‘क्रॉस बैटिंग’ वाले शॉट्स के साथ आउट हो गए, जो शायद हमारा पसंदीदा तरीका नहीं है। कमिंस ने माना कि इस पिच पर पहले बल्लेबाजी करते हुए उनकी टीम को 300 से अधिक रन बनाने चाहिए थे। उन्होंने कहा कि इस पर पीछे मुड़कर देखें तो 300 रन बनाना शानदार होता।


260 ‘ठीक-ठाक’ स्कोर था लेकिन अगर हम वास्तव मैच पर पकड़ चाहते हैं तो पहली पारी में 300 रन बनने चाहिए थे। उन्होंने एक सत्र में 9 विकेट गंवाने पर निराशा जताते हुए कहा कि यह निराशाजनक है, इस मैच में भी हमने नागपुर की दूसरी पारी की कहानी दोहरायी।

हम इस मैच के ज्यादातर समय अच्छी स्थिति में थे लेकिन हमने अंत में कम रन बनाए। कमिंस ने कहा कि सीरीज के दोनों मैचों में भारत के निचले क्रम ने बल्ले से शानदार योगदान दिया और इसने मैच में बड़ा अंतर पैदा किया। पहले टेस्ट में रविंद्र जडेजा और अक्षर पटेल जबकि दूसरे टेस्ट में रविचंद्रन अश्विन और अक्षर ने शतकीय साझेदारी की। इन दोनों मैचों में अक्षर ने अर्धशतक जड़ा। भाषा Edited By : Sudhir Sharma
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