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Last Updated : बुधवार, 7 अप्रैल 2021 (13:27 IST)

किसी ने की मजदूरी तो किसी ने बेची पानीपूरी, गरीबी से लड़कर यह 5 क्रिकेटर पहुंचे IPL में

किसी ने की मजदूरी तो किसी ने बेची पानीपूरी, गरीबी से लड़कर यह 5 क्रिकेटर पहुंचे IPL में - 5 rags to riches stories of Indian cricketers will keep you inspired
अंग्रेजी में एक कहावत है कि मेहनत का कोई शॉर्टकट नहीं होता है। अगर मेहनत से व्यक्ति जी चुराता है तो भले ही वह लाखों की संपत्ति का मालिक हो लेकिन अंत में आलस उस से सब कुछ छीन लेता है। वहीं अगर गरीब व्यक्ति दिन रात मेहनत करे तो उसके दिन फिरने में देर नहीं लगती। 
 
गरीबी से लड़कर शोहरत की बुलंदियों पर पहुंचने की कहानियां हर क्षेत्र में सुनाई देती है। कम ही लोगों में हिम्मत होती है जो गरीबी के थपड़ों में भी अपने सपनों की आवाज नहीं दबने देते। ऐसी ही हिम्मत की मिसाल पेश की है कुछ भारतीय क्रिकेटरों ने जिन्होंने पैसों की कमी के कारण अपने सपनों को नहीं छोड़ा।
 
टी नटराजन
आईपीएल 2020 की खोज रहे 29 वर्षीय बाएं हाथ के गेंदबाज टी नटराजन एक लूम वर्कर के बेटे हैं। वित्तीय संकट ऐसा था कि कई बार नए जूते खरीदने के लिए सौ बार सोचना पड़ता था और क्रिकेट किट खरीदना तो सपने जैसा था। आईपीएल में 16 विकेट लेने वाले नटराजन के दिन फिरे लेकिन अभी तक वह अपनी बेटी से नहीं मिल पाए हैं जो ऑस्ट्रेलिया दौरे से पहले जन्मी थी। ऑस्ट्रेलिया दौरे पर उन्होंने  रिकॉर्ड बनाया और एक ही दौरे पर क्रिकेट के तीनों प्रारुपों में डेब्यू करने वाले पहले भारतीय गेंदबाज बने।
 
शाहरुख खान 
हाल ही में 5.25 करोड़ में पंजाब किंग्स द्वारा खरीदे गए बल्लेबाज शाहरुख खान का जीवन भी गरीबी में ही बीता है। एम शाहरूख खान बचपन से ही क्रिकेट और सिनेमा के दीवाने हैं। चमड़े के व्यापारी उनके पिता मसूद और उनकी मां लुबना ने उनके सपने पूरे करने में काफी मदद की।
 
 
इसके बावजूद भी तमिलनाडू के इस ऑलराउंडर का ध्यान सिर्फ क्रिकेट पर रहा। उनके मां बाप ने पैसों की किल्लत के बीच उनका लालन पालन किया और अब वह शाहरुख को आईपीएल में खेलते हुए देखेंगे। शाहरुख खान ने डॉन बॉस्को और सेंट बेडे से स्कूल की पढाई की है जहां से आर अश्विन, दिनेश कार्तिक और के श्रीकांत जैसे क्रिकेटर पढ़ चुके हैं।
 
नवदीप सैनी
दाएं हाथ का यह गेंदबाज भी बेहद गरीब परिवार से था। उनके पिता एक सरकारी ड्रायवर थे। परिवार उनकी क्रिकेट की कोचिंग पर ज्यादा पैसा नहीं खर्च कर सकता था। इस कारण उन्होंने 300 रुपए के लिए एक्सीबीशन मैच खेलने शुरु किए। ताकि कमाई हो सके। एक प्रेक्टिस मैच देखने गए और गंभीर को प्रभावित करने में सफल रहे। यहां से वह सफल होते चले गए।
 
रवि विश्नोई
अंडर 19 विश्वकप 2020 से मशहूर हुए रवि विश्नोई ने भी अपने जीवन में बहुत संघर्ष देखा है। हाल ही में उन्होंने एक स्पोर्टस चैनल को दिए एक इंटर्व्यू में यह राज खोला। 
 
उनके आर्थिक हालात ऐसे नहीं थे कि वह किसी क्लब में जाकर ट्रेनिंग ले पाएं। उन्होंने खुद ही अपने कोच के साथ एक निम्न स्तरीय एकेडमी खोली और मजदूर को पैसा ना दे पाने के कारण उन्होंने ही सीमेंट और इंट उठाने का काम किया। आज रवि 18-19 साल की उम्र में आईपीएल खेल रहे हैं।
 
यशस्वी जायसवाल 
अपने साथी रवि की तरह ही यशस्वी जायसवाल का जीवन संघर्षपूर्ण रहा। वह भी अंडर 19 विश्वकप 2020 से काफी मशहूर हो गए थे और अब आईपीएल में राजस्थान रॉयल्स का हिस्सा हैं। 
 
लेकिन यह भी सच है कि 17 साल के इस युवा क्रिकेट ने मुंबई में भूखे पेट रात गुजारी और अपने चाचा के साथ पानीपूरी तक बेची ताकि अपने क्रिकेट जुनून को पूरा कर सके। यशस्वी ने पूरे तीन साल टेंट में गुजारे और उसके परिवार वाले नहीं जानते थे कि उनका लाल मुंबई में कैसी जिंदगी बसर कर रहा है। 
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