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Written By भाषा
Last Modified: लंदन , बुधवार, 2 नवंबर 2011 (01:17 IST)

20वें दिन फैसला, 16 घंटे की चर्चा

स्पॉट फिक्सिंग
स्पॉट फिक्सिंग में साउथवर्क क्राउन कोर्ट में दोषी करार दिए गए पाकिस्तानी क्रिकेटर सलमान बट्‍ट और मोहम्मद आसिफ के भाग्य का फैसला 21वें दिन हो गया और 12 सदस्यीय ज्यूरी को फैसले पर पहुंचने में 16 घंटे का वक्त लगा।

ज्यूरी ने 27 वर्षीय बट्‍ट को गलत तरीके से राशि स्वीकार करने का षड्यंत्र रचने और धोखाधड़ी की साजिश रचने का दोषी पाया जबकि आसिफ पर धोखाधड़ी का षड्यंत्र रचने का आरोप सिद्ध हुआ। ये दोनों हालांकि तब तक जमानत पर रिहा रहेंगे जब तक जूरी उनकी सजा पर फैसला नहीं करती।

इस साजिश में शामिल तीसरे आरोपी 19 वर्षीय तेज गेंदबाज मोहम्मद आमिर के खिलाफ मुकदमा नहीं चलाया गया क्योंकि उन्होंने अपना गुनाह स्वीकार कर लिया था।

पिछले साल अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को हिलाने वाले इस प्रकरण में बट्‍ट को सात साल तक की जेल का सामना करना पड़ सकता है। अब बंद हो चुके ‘न्यूज आफ द वर्ल्ड’ टेब्लायड के स्टिंग ऑपरेशन में खुलासा किया गया था कि इन दोनों ने कथित सट्टेबाज मजहर मजीद के साथ मिलकर इंग्लैंड के खिलाफ लॉर्डस टेस्ट में जान-बूझकर नोबॉल फेंकने का षड्यंत्र रचा।

ज्यूरी का आज का फैसला चार में से तीन आरोपों पर दिया गया। आसिफ के गलत तरीके से राशि स्वीकार करने पर जूरी एकमत फैसला नहीं दे सकी। न्यायाधीश ने इसके बाद ज्यूरी को एक बार फिर चर्चा करने चौथे आरोप पर भी फैसला करने को कहा।

बट्‍ट और आसिफ पर मजीद के साथ मुकदमा चलाया गया था। इन दोनों के होटल के कमरे से पिछले साल पुलिस ने छापा मारकर नकद राशि बरामद की थी जो कथित तौर पर सट्टेबाज ने दी थी।

आईसीसी ने इससे पहले इन तीनों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए बट्‍ट को 10, आसिफ को सात और आमिर को पांच साल के लिए निलंबित किया। बट्‍ट के 10 बरस में से पांच बरस निलंबित प्रतिबंध के हैं।

यह प्रकरण पिछले साल अगस्त का है जब इन दोनों ने मजीद और आमिर के साथ मिलकर लॉर्ड्‍स टेस्ट के दौरान जान-बूझकर तीन नोबॉल फेंकने की साजिश रची थी।

बट्‍ट और आसिफ ने खुद को बेगुनाह बताया था और जब फैसला सुनाया गया तब ये दोनों चुपचाप बैठे रहे। न्यायाधीश ने कहा था कि वह इस मामले में 10.2 के बहुमत से फैसला स्वीकार करने को तैयार हैं।

सुनवाई के दौरान जूरी ने न्यूज आफ द वर्ल्ड के पूर्व ‘इनवेस्टिगेशन एडिटर’ मजहर मेहमूद की गवाही की सुनी, जिन्होंने कहा कि उन्होंने भारतीय व्यवसायी बनकर मजीद से संपर्क किया था।

मजीद ने स्टिंग ऑपरेशन के दौरान दावा किया था कि पाकिस्तान के छह खिलाड़ी उसके लिए काम करते हैं और किसी मैच में निश्चित समय के खेल को फिक्स करने के लिए 10 लाख डॉलर से कुछ अधिक की राशि की जरूरत पड़ती है।

जब इन टेप के साथ बट्‍ट से जिरह की गई तो उन्होंने कहा कि ऐसे सुझाव देने पर उन्होंने लंदन में अपने एजेंट मजीद की अनदेखी कर दी थी। (भाषा)