चीन मुद्रा विनिमय दर बाजार पर छोड़े
अमेरिकी राष्ट्रपति की अपील
अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने चीन से अपनी मुद्रा की विनिमय दर को बाजार पर छोड़ने की फिर से अपील की है। ओबामा का कहना है कि चीन यदि बाजार निर्देशित विनिमय नीति पर चल पड़े तो विश्व अर्थव्यवस्था में संतुलन बनाने में मदद मिलेगी।अमेरिका सहित बहुत से देशों का मानना है कि चीन अपनी मुद्रा यूआन को डॉलर अर्थव्यवस्था विश्व की अन्य प्रमुख मुद्राओं की तुलना में मजबूत नहीं होने देता है और उसकी विनिमय दर को जान बूझ कर नीचे दबाए रखता है।इससे विदेशी बाजारों में उसका सामान सस्ता हो दिखता है और ज्यादा बिकता है जबकि चीन के बाजार में विदेशी माल महँगा हो जाता है और वहाँ उसका आयात प्रभावित होता है।ओबामा ने अमेरिकी निर्यात आयात बैंक की यहाँ बैठक में अपने संबोधन में कहा कि दुनिया में हाल के वैश्विक वित्तीय संकट के बाद निर्यात और आयात के बीच नया संतुलन बिठाने की जरूरत है।उन्होंने कहा कि जिन देशों को विदेशी व्यापार खाते में भुगतान की बचत हो रही है उन्हें खपत और घरेलू माँग बढ़ानी चाहिए।अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि चीन के बाजारोन्मुख विनिमय दर की ओर बढ़ने से विश्व का संतुलन फिर ठीक करने में महत्वपूर्ण मदद मिलेगी।इस बीच अमेरिका के विश्व व्यापार संबंधी ताजा आकड़ों के अनुसार जनवरी10 में अमेरिका का व्यापार घाटा अप्रत्याशित रूप से घट कर 37.29 अरब डॉलर तक सीमित रहा।वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ो के अनुसार जनवरी में कुल आयात 1.7 प्रतिशत तथा निर्यात 1.7 प्रतिशत घट कर क्रमश: 180 अरब डॉलर और 142 .7 अरब डॉलर रहा।आयात में गिरावट तेल आयात में कमी के कारण बताई जाती है। अमेरिका का तेल आयात इस समय एक दशक से भी अधिक समय के न्यूनतम स्तर पर है। (भाषा)