Last Modified: नई दिल्ली ,
रविवार, 30 मई 2010 (09:43 IST)
आधारभूत ढाँचा क्षेत्र में निवेश की सीमा बढ़ेगी
सरकार आधारभूत ढाँचा क्षेत्र के त्वरित विकास के लिए इसमें निजी और विदेशी निवेश की सीमा बढ़ाकर दोगुना करने पर विचार कर रही है।
केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय के उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक सरकार वर्ष 2012 से शुरू होने वाली अगली पंचवर्षीय योजना के तहत यह व्यवस्था करने के लिए सभी पहलुओं पर गौर कर रही है।
हालाँकि सरकार ने इस क्षेत्र में सौ फीसदी प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की अनुमति दे रखी है, लेकिन देश में भूमि अधिग्रहण, परियोजनाओं से हटने से संबंधित सख्त नियम और टोल रोड मॉडल अपनाने की बेहद धीमी प्रक्रियाओं के कारण विदेशी निवेशक इस क्षेत्र से दूरी बनाए हुए हैं।
सूत्रों का कहना है कि देश के आधारभूत ढाँचा क्षेत्र में खासतौर पर सड़क निर्माण परियोजनाएँ विभिन्न कारणों से बहुत जटिल हैं। पूर्व के कानून के मुताबिक इन परियोजनाओं से जुड़ने के बाद विदेशी निवेशक 20 वर्ष के पहले इससे नहीं हट सकते थे, लेकिन सरकार ने हाल ही में कानून में संशोधन कर यह अवधि 2 वर्ष कर दी है।
फिर भी विदेशी निवेशक ऐसी परियोजनाओं में घरेलू निवेशकों को साथ लेकर चलना चाहते हैं।
सरकार इन तमाम बातों को ध्यान में रखते हुए आधारभूत क्षेत्र के लिए कर्ज की उपलब्धता सुनिश्चित करने के वास्ते अलग से 5 से 11 अरब डॉलर का कोष बनाए जाने पर भी विचार कर रही है।
सरकार की वर्ष 2012 में समाप्त हो रही पंचवर्षीय योजना के तहत इस क्षेत्र पर 500 अरब डॉलर खर्च करने की योजना है। (वार्ता)