सेवा क्षेत्र की वृद्धि दर उच्चतम स्तर पर
नई दिल्ली। भारत की सेवा क्षेत्र के कारोबार में उल्लेखनीय बढ़ोतरी के संकेत हैं। एक मासिक सर्वे के अनुसार, कंपनियों के नए ऑर्डर बढ़ने और कीमतों में कमी से देश के सेवा क्षेत्र की वृद्धि जुलाई में 3 महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई।
उम्मीद है कि बाजार के ऐसे रुझानों के मद्देनजर आरबीआई गवर्नर रघुराम राजन अगले सप्ताह द्वैमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा में नीतिगत ब्याज दर कम कर सकते हैं।
सेवाओं की कीमत में कमी किए जाने से स्पष्ट है कि मुद्रास्फीतिक दबाव कम हुआ है, पर रोजगार सृजन भी हल्का ही चल रहा है। इससे आरबीआई गवर्नर के लिए वृद्धि को प्रोत्साहन करने के संबंध में ब्याज दरों में कटौती के रूप में उपहार देने की गुंजाइश बनती है।
मासिक आधार पर जारी किए जाने वाला निक्केइ इंडिया सेवा कारोबार गतिविधि सूचकांक जुलाई में बढ़कर 51.9 पर पहुंच गया, जो जून में 50.3 के स्तर पर था। सर्वेक्षण का आकलन करने वाली संस्था मार्केट की अर्थशास्त्री पॉलियाना डी लीमा ने कहा कि भारतीय सेवा क्षेत्र गतिविधियों की दूसरी छमाही की शुरुआत ठोस आधार पर हुई।
विनिर्माण उत्पादन में वृद्धि के बीच मौसमी आधार पर समायोजित निक्केइ इंडिया मिश्रित पीएमआई उत्पादन सूचकांक भी 3 महीने के उच्चतम स्तर 52.4 पर पहुंच गया, जो जून में 51.1 पर था। सूचकांक का 50 से ऊपर रहना वृद्धि जबकि इससे नीचे रहना संकुचन का संकेतक है। (भाषा)