प्याज निर्यात से प्रतिबंध हटाने से पहले क्या सरकार ने ली EC की अनुमति?
onion export : लोकसभा चुनावों के बीच केंद्र सरकार ने शनिवार को प्याज निर्यात से प्रतिबंध हटा लिया। इस फैसले का सीधा असर प्याज की खेती करने वाले करोड़ों किसानों के साथ ही उपभोक्ताओं पर भी पड़ेगा। देश में आदर्श आचार संहिता लागू है। ऐसे में सरकार ने प्याज निर्यात से प्रतिबंध हटाने से पहले निर्वाचन आयोग की अनुमति ली है।
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समाचार एजेंसी भाषा ने सरकारी सूत्रों के हवाले से बताया कि वित्त मंत्रालय के तहत राजस्व विभाग ने 40 प्रतिशत निर्यात शुल्क और 550 अमेरिकी डॉलर प्रति टन के न्यूनतम निर्यात मूल्य (एमईपी) की शर्तों के तहत प्याज निर्यात से प्रतिबंध हटाने के लिए निर्वाचन आयोग से अनुमति ली है।
उल्लेखनीय है कि सरकार ने शनिवार को प्याज निर्यात से प्रतिबंध हटा दिया था। इस फैसले से बड़ी संख्या में किसानों को मदद मिलेगी। यह फैसला ऐसे समय लिया गया है जबकि महाराष्ट्र सहित कई प्रमुख उत्पादक क्षेत्रों में लोकसभा चुनाव के लिए मतदान होने वाला है।
सरकार 550 डॉलर प्रति टन के न्यूनतम निर्यात मूल्य (लगभग 46 रुपये प्रति किलोग्राम) के साथ ही 40 प्रतिशत का निर्यात शुल्क लगाया है। इस शुल्क को देखते हुए 770 डॉलर प्रति टन या 64 रुपये प्रति किलोग्राम से कम भाव पर प्याज निर्यात की अनुमति नहीं दी जाएगी।
प्याज के निर्यात से प्रतिबंध हटाने का निर्णय उपभोक्ता मामलों के विभाग की सिफारिश पर लिया गया है। विभाग देश में प्याज की उपलब्धता और कीमत की स्थिति पर नजर रखता है।
गौरतलब है कि 8 दिसंबर 2023 को केंद्र ने उत्पादन में संभावित गिरावट की चिंताओं के बीच खुदरा कीमतों को नियंत्रित करने के लिए प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था। पिछले 4-5 साल के दौरान देश से सालाना 17 लाख से 25 लाख टन प्याज का निर्यात हुआ है।
Edited by : Nrapendra Gupta