भारत में 'वृद्धि दर' चीन के मुकाबले धीमी
नई दिल्ली। उभरते बाजारों में अगस्त के दौरान विनिर्माण और सेवा क्षेत्र में ज्यादा तेज वृद्धि दर्ज हुई लेकिन भारत में इस क्षेत्र की रफ्तार चीन के मुकाबले कमतर रही। यह बात एचएसबीसी के सर्वेक्षण में कही गई।
खरीद प्रबंधकों के सूचकांक सर्वेक्षणों के आधार पर मार्केट द्वारा तैयार एचएसबीसी उभरते बाजारों के सूचकांक (ईएमआई) अगस्त में 17 महीने के उच्च स्तर 52.5 पर पहुंच गया, जो जुलाई में 51.7 पर था। इससे वैश्विक स्तर पर उभरते बाजारों के उत्पादन में जोरदार वृद्धि का संकेत मिलता है।
मार्केट के मुख्य अर्थशास्त्री क्रिस विलियमसन ने कहा कि उभरते बाजारों में आर्थिक वृद्धि की रफ्तार तेज रही। चीन के सेवा क्षेत्र में तेजी से प्रोत्साहित इस सूचकांक में पिछले 17 महीने में सबसे अधिक तेजी दर्ज हुई।
सबसे बड़े उभरते बाजारों में चीन ने मार्च 2013 से अब तक की सबसे अधिक तेजी दर्ज की। रूस और भारत में उत्पादन धीमी गति से बढ़ा जबकि ब्राजील में लगातार 5वें महीने आंशिक संकुचन का संकेत है।
अगस्त में भारत के लिए एचएसबीसी समेकित सूचकांक, जिसमें विनिर्माण और सेवा क्षेत्र दोनों शामिल है, 51.6 रहा। चीन के लिए यह 52.8, ब्राजील के लिए 49.6 और रूस के लिए 51.1 अंक रहा। सूचकांक का 50 से ऊपर रहने का अर्थ है वृद्धि।
विलियमसन ने कहा कि भारत में वृद्धि दर्ज हुई, लेकिन वृद्धि की रफ्तार कम रही। इसमें कहा गया है कि उभरते बाजारों में सेवा क्षेत्र का उत्पादन अगस्त में मजबूत वृद्धि के साथ बढ़ा है। यह जून के 15 महीने के उच्चस्तर के आसपास रही। दूसरी तरफ विनिर्माण क्षेत्र में उत्पादन जुलाई के 8 महीने के उच्चस्तर के बराबर रहा। (भाषा)