नई दिल्ली। रिजर्व बैंक की गुरुवार को पेश मौद्रिक नीति समीक्षा की। जानिए खास 17 बातें
1. मुख्य नीतिगत दर रेपो चार प्रतिशत, रिवर्स रेपो दर 3.35 प्रतिशत पर बरकरार।
2. सोने के बदले कर्ज की सीमा बढ़ी। कोविड-19 महामारी के बीच परिवारों को राहत के लिए बैंक अब सोने के मूल्य के 90 प्रतिशत के बराबर कर्ज दे सकते हैं। अभी यह सीमा 75 प्रतिशत है।
3. वृद्धि को प्रोत्साहन के लिए नरम रुख जारी रहेगा। अनिश्चित वैश्विक वातावरण में मौद्रिक नीति में आर्थिक वृद्धि को समर्थन को वरीयता दी जाएगी।
4. मुद्रास्फीति के ऊपर की ओर जाने का जोखिम। अक्टूबर-मार्च के दौरान मुद्रास्फीति के नीचे आने का अनुमान।
5. चालू वित्त वर्ष में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर नकारात्मक रहेगी।
6. दबाव झेल रहे एमएसएमई कर्जदार ऋण पुनर्गठन के पात्र। पर इसके लिए उनका खाता मानक के रूप में वगीकृत होना चाहिए।
7. कोविड-19 के दबाव को कम करने के लिए बैंक, कॉरपोरेट, व्यक्तिगत कर्जदारों के ऋण का पुनर्गठन कर सकते हैं।
8. कॉरपोरेट और व्यक्तिगत ऋणों के लिए एक नई समाधान सुविधा बनाई जाएगी।
9. कई बैंकों से ऋण सुविधाएं लेने वाले ग्राहकों द्वारा चालू खाते या ओवरड्रॉफ्ट खाते खोलने के लिए रक्षोपाय किए जाएंगे।
10. प्राथमिकता क्षेत्र ऋण (पीएसएल) के दायरे में स्टार्टअप भी आएंगे।
11. पीएसएल के तहत अक्षय ऊर्जा (सौर ऊर्जा सहित), छोटे और सीमान्त किसानों तथा ‘कमजोर वर्गों’ के लिए कर्ज की सीमा बढ़ाई गई।
12. ऑफलाइन तरीके से कम मूल्य के भुगतान के लिए पायलट योजना को मंजूरी। प्रयोगकर्ताओं के हितों का संरक्षण किया जाएगा।
13. डिजिटल भुगतान के लिए ऑनलाइन विवाद समाधान (ओडीआर) का प्रस्ताव।
14. आवास क्षेत्र में तरलता बढ़ाने के लिए राष्ट्रीय आवास बैंक (एनएचबी) 5,000 करोड़ रुपए की अतिरिक्त नकदी उपलब्ध कराएगा।
15. कृषि क्षेत्र को मदद के लिए नाबार्ड को 5,000 करोड़ रुपए का नकदी समर्थन।
16. आर्थिक गतिविधियों में सुधार आ रहा है, लेकिन कोविड-19 संक्रमण के मामले बढ़ने से फिर लॉकडाउन लगाना पड़ रहा है।
17. मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) मुद्रास्फीति को चार प्रतिशत (दो प्रतिशत ऊपर या नीचे) के लक्ष्य के दायरे में रखने को लेकर सतर्क। (भाषा)