फरवरी में क्यों बढ़ी खपत : 12 प्रतिशत बढ़ी पेट्रोल की मांग, 13 फीसदी ज्यादा बिका डीजल
नई दिल्ली। देश में ईंधन की मांग में तेज उछाल दिखाई दे रहा है। सर्दियां खत्म होते ही पेट्रोल और डीजल की खपत में बढ़ गई। सार्वजनिक क्षेत्र की पेट्रोलियम कंपनियों की पेट्रोल की बिक्री फरवरी में 12 प्रतिशत बढ़कर 25.7 लाख टन हो गई। फरवरी 2022 में यह 22.9 लाख टन थी।
कोविड प्रभावित 2021 के फरवरी की तुलना में पेट्रोल की बिक्री 1.57 प्रतिशत अधिक रही है। वहीं फरवरी, 2020 की तुलना में इसमें 20 प्रतिशत का इजाफा हुआ है। माह-दर-माह आधार पर पेट्रोल की मांग 13.5 प्रतिशत बढ़ी है। जनवरी में पेट्रोल की मांग 5.1 प्रतिशत घटी थी।
फरवरी में 2023 में डीजल की बिक्री 13 प्रतिशत बढ़कर 65.2 लाख टन पर पहुंच गई। फरवरी, 2021 की तुलना में डीजल की बिक्री 12.1 प्रतिशत तथा 2020 के समान महीने की तुलना में 7.7 प्रतिशत बढ़ी है। मासिक आधार पर बात की जाए, तो जनवरी में डीजल की बिक्री 59.7 लाख टन रही थी। इस तरह मासिक आधार पर डीजल की मांग में 9.2 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
जनवरी में बर्फबारी की वजह से पहाड़ी इलाकों में ट्रकों की आवाजाही प्रभावित हुई थी। इसके चलते मासिक आधार पर जनवरी में डीजल की बिक्री इससे पिछले महीने की तुलना में 8.6 प्रतिशत घटी थी।
उद्योग सूत्रों का कहना है कि ट्रकों के फिर सड़क पर लौटने और रबी बुवाई सत्र के रफ्तार पकड़ने के साथ डीजल की मांग में उछाल आया है। दिसंबर की तुलना में जनवरी में डीजल की बिक्री घटने की एक और वजह थी। दिसंबर में लोगों ने छुट्टियां मनाने के लिए यात्रा की थी, जिससे डीजल की मांग ऊंची रही थी।
इसके साथ ही फरवरी में वाहन ईंधन एटीएफ की मांग सालाना आधार पर 41.3 प्रतिशत बढ़कर 5,74,200 टन पर पहुंच गई। हालांकि, फरवरी, 2020 की तुलना में एटीएफ की बिक्री कम रही है।
माह-दर-माह आधार पर एटीएफ की बिक्री 3.3 प्रतिशत बढ़ी है। सूत्रों ने कहा कि घरेलू हवाई यात्रा कोविड-पूर्व के स्तर पर पहुंच गई है। हालांकि, कुछ देशों में अंकुशों की वजह से अभी अंतरराष्ट्रीय उड़ानें पीछे हैं।
फरवरी, 2023 में सालाना आधार पर रसोई गैस (एलपीजी) की बिक्री 2.43 प्रतिशत बढ़कर 25.3 लाख टन पर पहुंच गई। फरवरी, 2021 की तुलना में एलपीजी की खपत 12 प्रतिशत और फरवरी, 2020 की तुलना में 22.2 प्रतिशत अधिक रही। मासिक आधार पर एलपीजी की मांग 6.14 प्रतिशत बढ़ी है। जनवरी में एलपीजी की खपत 23.8 लाख टन रही थी। (भाषा)