जीएसटी से कर का दायरा बढ़ेगा, भारतीय उद्योग अधिक प्रतिस्पर्धी होंगे : सीआईआई
नई दिल्ली। जीएसटी के क्रियान्वयन से भारतीय उद्योग अधिक प्रतिस्पर्धी होंगे, निर्यात को प्रोत्साहन मिलेगा और कर का दायरा बढ़ाने में मदद मिलेगी। उद्योग मंडल सीआईआई ने यह बात कही।
भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) ने कहा कि महत्वपूर्ण कर सुधार लागू होने से उद्योग को यह भरोसा बढ़ा है कि सरकार निवेश को सुगम बनाने तथा व्यापार माहौल को आसान बनाने को लेकर कदम उठाना जारी रखेगी।
सीआईआई अध्यक्ष शोभना कामिनेनी ने कहा कि पासा पलटने वाला जीएसटी के क्रियान्वयन के साथ हमने आर्थिक सुधार के नए युग में कदम रखा है। यह दुनिया के लिए मिलकर किए गए सुधार का बेजोड़ उदाहरण है। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में माल एवं सेवाकर (जीएसटी) व्यापार सुगमता को बढ़ाएगा और नए व्यापार उद्यमों में तेजी लाएगा।
सीआईआई अध्यक्ष ने कहा कि जीएसटी में कच्चे माल पर दिए गए कर की वापसी (इनपुट टैक्स क्रेडिट) के साथ स्व-अनुपालन की बात कही गई है। यह कंपनियों के लिए कर अदायगी के संदर्भ में प्रोत्साहन देने वाला कदम है।
उन्होंने कहा कि इनपुट टैक्स क्रेडिट से कर पर कर नहीं लगेगा जिससे मुद्रास्फीति पर लगाम लगेगी। हमें विश्वास है कि अधिकतर कंपनियां इनपुट टैक्स क्रेडिट का लाभ ग्राहकों को देंगी ताकि महंगाई पर अंकुश लगे। सीआईआई अध्यक्ष ने कहा कि उद्योग जीएसटी के क्रियान्वयन को लेकर तैयार है।
उद्योग मंडल एसोचैम ने भी कहा कि पिछले 4 साल में खुदरी कीमतों में धीमी गति से वृद्धि हो रही है, ऐसे में मुद्रास्फीति के नजरिए से जीएसटी का क्रियान्वयन का समय बिलकुल उपयुक्त है। (भाषा)