बैंकें ग्राहकों को दे सकती है झटका, ग्राहकों पर डाल सकती है अपना बोझ
एटीएम का इस्तेमाल अब आपको महंगा पड़ता सकता है। बैंकों ने आरबीआई से एटीएम ट्रांजेक्शन चार्जेस बढ़ाने की अनुमति मांगी है। एटीएम अपग्रेडेशन से बढ़ने वाले वित्तीय बोझ को देखते हुए बैंकों ने यह कदम उठाया है।आरबीआई ने सभी बैंकों को एटीएम अपग्रेडेशन का निर्देश दिया है। अपग्रेडेशन से बैंकों पर आर्थिक बोझ आएगा। यही कारण है कि बैंकें अपना वित्तीय बोझ ग्राहकों पर डालना चाहती है। आरबीआई हालांकि अभी इसकी मंजूरी नहीं दी है, लेकिन यह माना जा रहा है कि एटीएम चार्ज को बढ़ा जा सकता है।
बढ़ सकते हैं दो तरह के चार्ज : सूत्रों के अनुसार एटीएम अपग्रेडेशन की लागत वसूलने के लिए बैंक एटीएम ट्रांजेक्शन चार्ज में दो तरह से बढ़ोतरी कर सकते हैं। पहला फ्री ट्रांजेक्शन खत्म होने के बाद वसूले जाने वाले 18 रुपए के चार्ज को बढ़ाकर 23 रुपए तक किया जा सकता है। इसके अतिरिक्त एटीएम से फ्री ट्रांजेक्शंस की संख्या को भी घटाया जा सकता है। प्राइवेट बैंकों ने अभी एटीएम की 3 ट्रांजेक्शन फ्री है, वहीं कुछ बैंकों ने 5 एटीएम ट्रांजेक्शन तक कोई चार्ज नहीं लेने की सुविधा दी है।
एटीएम में क्या होना है अपग्रेडेशन : एटीएम अपग्रेडेशन में सबसे पहले बैंकों को बेसिक इनपुट-आउटपुट सिस्टम (BIOS) को अपग्रेड करना है। BIOS वह सिस्टम है, जो कम्प्यूटर को बूट करते वक्त इस्तेमाल किया जाता है। बैंकिंग प्रणाली में यह पहला सॉफ्टेवयर होता है, जिससे रैम, प्रोसेसर, की-बोर्ड, माउस, हार्डड्राइव की पहचान की जाती है। इससे हैकिंग से बचने में मदद मिलती है ऑपरेटिंग सिस्टम को लोड करते समय यह पूरे प्रोसेस को कॉन्फिगर करता है। बाद में कम्प्यूटर की मेमोरी में ऑपरेटिंग सिस्टम को लोड किया जाता है।
इतना बढ़ाया जा सकता है चार्ज : एटीएम से ट्रांजेक्शन करने पर चार्ज कम से कम 3 रुपए से 5 रुपए बढ़ सकता है। इससे एटीएम ऑपरेटर्स यानी बैंक अपग्रेडेशन से पड़ने वाले बोझ की लागत निकाल सके। सूत्रों के अनुसार आरबीआई ने काफी सख्त गाइडलाइंस जारी की हैं। ऐसे में अगर ग्राहकों से फीस नहीं वसूली गई तो बैंकों को बड़ा घाटा हो सकता है।