Last Modified: नई दिल्ली ,
गुरुवार, 6 मई 2010 (14:25 IST)
90 लाख टन खाद्य तेल का आयात संभव
भारत का खाद्य तेल आयात 2009-10 के अक्टूबर में समाप्त होने वाले तेल वर्ष के दौरान 10 प्रतिशत बढ़कर 90 लाख टन पर पहुँच सकता है।
खाद्य तेल उद्योग के संगठन साल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एसईए) का मानना है कि तिलहन उत्पादन में कमी और ऊँची माँग की वजह से देश के खाद्य तेल आयात में दस फीसद की वृद्धि हो सकती है।
दुनिया के सबसे बड़े वनस्पति तेलों के आयातक भारत ने पिछले साल विदेशी बाजारों से कुल 81.8 लाख टन खाद्य और अखाद्य तेल आयात किया था। एसईए के कार्यकारी निदेशक बीवी मेहता ने कहा इस साल देश का कुल वनस्पति तेल आयात 90 लाख टन रह सकता है।
उन्होंने कहा कि इसमें से 86 लाख टन खाद्य तेल तथा चार लाख टन अखाद्य तेल आयात होगा। मेहता ने कहा कि तिलहन का उत्पादन कम रहने तथा बढ़ती जनसंख्या के मद्देनजर प्रति व्यक्ति खपत में वृद्धि से वनस्पति तेलों का आयात बढ़ेगा।
उन्होंने कहा कि डॉलर की तुलना में रुपए का मजबूत होना भी खाद्य तेलों के आयात के पक्ष में बैठता है। मेहता ने कहा कि देश में खाद्य तेलों की माँग में इस साल तीन फीसद का इजाफा होगा। उन्होंने आगे कहा कि तिमाही आधार पर इस साल 22 से 23 लाख टन वनस्पति तेलों का आयात होगा। (भाषा)