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Written By भाषा
Last Modified: नई दिल्ली , सोमवार, 8 नवंबर 2010 (20:43 IST)

प्रौद्योगिकी निर्यात पर रोक हटाने का स्वागत

प्रौद्योगिकी निर्यात पर रोक हटाने का स्वागत -
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने अमेरिका द्वारा भारत को उच्च प्रौद्योगिकी के उत्पादों तथा प्रौद्योगिकी के निर्यात पर लगी रोक को हटाने की घोषणा का स्वागत किया है।

अमेरिका ने भारत के खिलाफ दोहरे (सैन्य और असैन्य) दोनों कार्य में काम आने वाली अपनी प्रौद्योगिकी के निर्यात पर पाबंदी हटाने के साथ साथ भारत को परमाणु प्रौद्योगिकी के अंतरराष्ट्रीय व्यापार का नियमन नियंत्रण करने वाली बहुपक्षीय व्यवस्था-परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) और ऐसे कुछ अन्य मंचों की सदस्यता दिए जाने का समर्थन करने की भी घोषणा की है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि हम अमेरिका द्वारा भारत को उच्च प्रौद्योगिकी वाले उत्पादों तथा प्रौद्योगिकियों के निर्यात पर लगे प्रतिबंध को हटाने तथा एनएसजी में सदस्यता के लिए समर्थन देने की घोषणा का स्वागत करते हैं।

सिंह ने कहा कि यह दोनों देशों के बीच बढ़ते भरोसे और विश्वास का परिचायक है। अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि दोनों देश अंतरिक्ष, असैन्य-परमाणु, रक्षा तथा अन्य उच्च प्रौद्योगिकी वाले क्षेत्रों में सहयोग का विस्तार करने पर सहमत हुए है।

ओबामा ने मुंबई में कहा था कि अमेरिका भारत को उच्च प्रौद्योगिकी के निर्यात पर प्रतिबंध को हटाएगा। साथ ही उन्होंने 45 सदस्यीय एनएसजी तथा तीन अन्य बहुस्तरीय निर्यात नियंत्रण व्यवस्थाओं में भारत को समर्थन की घोषणा की।

इन चार निर्यात नियंत्रण व्यवस्थाओं में पूर्ण सदस्यता से भारत के लिए अन्य सदस्यों से दोहरे इस्तेमाल वाली प्रौद्योगिकी हासिल करने में आसानी होगी। हालाँकि, यह प्रत्येक सदस्य देश की अपनी इच्छा पर निर्भर करेगा। एनएसजी के अलावा अमेरिका ने भारत को मिसाइल प्रौद्योगिकी नियंत्रण व्यवस्था, ऑस्ट्रेलियाई समूह और वासनार व्यवस्था में सदस्यता के लिए समर्थन की पेशकश की है।

ये दोहरे इस्तेमाल वाले निर्यात नियंत्रण क्लब हैं। ऑस्ट्रेलियाई समूह रसायनिक और जैविक हथियारों को देखता है, वहीं वासनार संधि परंपरागत हथियार तथा दोहरे इस्तेमाल वाली प्रौद्योगिकी से संबंधित है।(भाषा)