Last Modified: मुंबई ,
गुरुवार, 6 मई 2010 (13:30 IST)
तायल समूह बीओआर का प्रवर्तक नहीं
तायल समूह की हिस्सेदारी से जुड़े विवाद से अपने आपको अलग करते हुए बैंक ऑफ राजस्थान ने कहा कि तायल समूह तकनीकी तौर पर उसका प्रवर्तक नहीं हैं।
यह स्पष्टीकरण बाजार नियामक सेबी द्वारा तायल समूह की कंपनियों और अन्य को अगले आदेश तक शेयर कारोबार करने से रोक दिया है।
बैंक ऑफ राजस्थान के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्याधिकारी जी पद्मनाभन ने कहा कि कानूनी सलाह यह है कि वे प्रवर्तक नहीं हैं। उनके पास सिर्फ बैंक की अधिक हिस्सेदारी है।
सेबी इस बात से खफा है कि उन्होंने बैंक ऑफ राजस्थान में अपनी हिस्सेदारी इकाइयों ने मार्च 2008 को समाप्त तिमाही की स्थिति के अनुसार बैंक में अपनी हिस्सेदारी बढ़ा कर 60 फीसद कर ली थी।
जून 2007 में समाप्त तिमाही में इनकी हिस्सेदारी 44.71 फीसद और दिसंबर 2009 की तिमाही की समाप्ति पर 55.01 फीसद थी।
पद्मनाभन ने कहा कि बैंक ने कहा कि वह अभी भी बाजार नियामक द्वारा कल रात को जारी आदेश का अध्ययन कर रहा है और बाद में इसका उचित जवाब देगा।
सेबी ने तायल समूह के खिलाफ यह फैसला आरबीआई द्वारा डेलायट हैस्किन्स एंड सेल्स को बैंक ऑफ राजस्थान के खातों के विशेष लेखा परीक्षण का जिम्मा दिए जाने के बाद आया है।
रिजर्व बैंक को संदेह है कि बैंक परिचालन मानदंड का उल्लंघन कर रहा है, जिसमें ऋण देने की प्रक्रिया में पारदर्शिता भी शामिल है। रिजर्व बैंक ने कई मानदंडों के उल्लंघन के आरोप में बैंक पर 25 लाख रुपए का दंड भी लगाया है।
सेबी की नीलामी का हवाला देते हुए पद्मनाभन ने कहा कि बैंक के लिहाज से ये दोनों अलग-अलग चीजें हैं। तायल समूह का बैंक की रोजमर्रा की गतिविधियों में कोई नियंत्रण नहीं है। (भाषा)