Last Modified: वॉशिंगटन ,
शुक्रवार, 1 जुलाई 2011 (14:41 IST)
‘सुपर सैंड’ से आसान हुआ पानी छानना
वॉशिंगटन। भारतीय मूल के एक शोधकर्ता के नेतृत्व में वैज्ञानिकों के एक दल ने एक किस्म की बालू ‘सुपर सैंड’ तैयार की है और उनका दावा है कि इससे पानी को बहुत आसानी से और तेजी से छाना जा सकता है।
वैज्ञानिकों का कहना है कि इस तकनीक के जरिए विकासशील देशों में हर साल लाखों लोगों की जान बचाई जा सकती है।
सैकड़ों सालों से पानी को साफ करने के लिए बालू का इस्तेमाल होता आया है। यहां तक कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी बालू को पानी छानने का कारगर और सस्ता उपाय माना है।
मोनाश यूनिवर्सिटी के डॉक्टर मैनाक मजुमदार और उनकी अंतरराष्ट्रीय टीम ने बालू के फिल्टर करने के प्राकृतिक गुण को कई गुना बढ़ा दिया है। इसके लिए उन्होंने ग्रेफाइट ऑक्साइड नामक एक नैनोमैटीरियल का इस्तेमाल किया।
उन्होंने पाया कि बालू पर ग्रेफाइट ऑक्साइड की एक परत चढ़ा देने पर उसकी पानी छानने की क्षमता पांच गुना बढ़ जाती है।
‘एसीएस एप्लाइड मैटीरियल्स एण्ड इंटरफेसेज’ में प्रकाशित इस रिपोर्ट में कहा गया है कि सामान्य बालू 10 मिनट तक छानने के बाद संतृप्त हो जाता है जबकि ग्रेफाइट ऑक्साइड की परत वाला ‘सुपर सैंड’ 50 मिनट से अधिक समय तक पानी छान सकता है और प्रदूषकों को स्वयं शोषित कर सकता है।
डॉक्टर मजुमदार का कहना है कि सुपर सैंड का सबसे बड़ा फायदा यह है कि यह बहुत सस्ता है। (भाषा)