Last Modified: वॉशिंगटन ,
मंगलवार, 1 मई 2012 (12:48 IST)
‘न्यूट्रीनो’ खोलेगा ब्रह्मांड का रहस्य
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खगोल वैज्ञानिकों का दावा है कि एक नए अध्ययन से परमाणु के सूक्ष्म हिस्से ‘न्यूट्रीनो’ को मापने में मदद मिलेगी। परमाणु के यह सूक्ष्म हिस्से ब्रह्मांड के सबसे हल्के कण हैं।
करीब 200 रातों तक आकाश गंगा का अध्ययन करने और सैंकडों गणनाएं करने के बाद अंतरराष्ट्रीय दल का कहना है कि इस अध्ययन से न्यूट्रीनो के भार का पता करने में सहायता मिलेगी और यह खोज जबरदस्त प्रगति साबित होगी।
‘फिजीकल रिव्यू द रेपिड कम्यूनिकेशन’ में प्रकाशित इस अनुसंधान में कहा गया है कि न्यूट्रीनो के भार को मापने के लिए ब्रह्मांड का अध्ययन कर की गई गणनाएं प्रयोगशाला की गणनाओं से ज्यादा सही साबित होती हैं।
ब्रह्मांड के इस सबसे हल्के कण को भार रहित भी माना जाता है। शोध का नेतृत्व करने वाले डॉ. सिग्ने रीमर सोरेनसेन ने कहा कि इस नवीन खोज से शोधकर्ताओं को न्यूट्रीनो के भार के बारे में सही ज्ञान मिलेगा जिससे ब्रह्मांड के बारे में नई समझ पैदा हो सके और उसके बारे में कई रहस्य खुल सकें।
हालांकि पहले कई प्रयोगशालाओं में की गई गणनाओं से विभिन्न प्रकार के न्यूट्रीनो के भार का पता लग सका है फिर भी इसके शुद्ध भार का अंदाजा नहीं लगाया जा सका। आकाशगंगा को एक भौतिकी का प्रयोग मानते हुए दल ने ब्रह्मांड की उत्पत्ति का पता लगाने का प्रयास किया है।
डॉ. सोरेनसेन ने कहा कि सबसे बड़ी चुनौती यह है कि ब्रह्मांड की उत्पत्ति को विस्तार से समझाया नहीं जा सका है। हमने पिछली कई थ्योरी का परीक्षण किया और पाया के उनमें से कई सटीक नहीं बैठती हैं। (भाषा)