बुद्धु बक्सा अब बन गया है ‘सुपर स्मार्ट’ टीवी
उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक में नवीनताओं की बाढ़
यदि आपने अब तक एचडी टीवी (HD TV) नहीं ख़रीदा है, अपूर्व साफ़ तस्वीरों और मनमोहक स्वाभाविक रंगों की बखान करते विज्ञापनों पर कान नहीं दिया है, तो आप अपने समय से आगे हैं। एचडी टीवी सभी टेलीविज़न चैनलों तक भी अभी नहीं पहुँचा है। बर्लिन की वार्षिक उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक प्रदर्शनी का संदेश है कि कल का "बुद्धू बक्सा" अब इतना "स्मार्ट" बनता जा रहा है कि आप के कुछ पल्ले पड़ने से पहले ही वह नई ऊँचाई पर पहुँच जाता है। जर्मनी की राजधानी बर्लिन में यह प्रदर्शनी पिछले 88 वर्षों से लगती रही है। संक्षेप में "ईफ़ा" (IFA) कहलाने वाली इस प्रदर्शनी के जर्मन नाम को को हिंदी में "अंतरराष्ट्रीय रेडियो प्रदर्शनी" कहेंगे। शुरू के वर्षों में वह एक रेडियो प्रदर्शनी ही होती थी। लेकिन, समय के प्रवाह के साथ अब वह संसार की सबसे बड़ी उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक प्रदर्शनी बन गई है। इस समय भावी विकास की दिशा यही नज़र आती है कि टेलीविज़न सेट केवल तस्वीरें ही नहीं दिखाया करेगा, रेडियो, वीडियो और इंटरनेट के साथ-साथ मोबाइल फ़ोन जैसी संचार सुविधाओं को भी अपने में समेटता हुआ एक सर्वगुणी "मल्टी मीडिया सेंटर" बन जायेगा।31
अगस्त से 5 सितंबर तक चली इस बार की 52वीं प्रदर्शनी में किसी नई मौलिक क्रांति के बदले इतनी ढेर सारी नवीनताओं की भरमार थी कि दिमाग़ चकराने लगे। पिक्चर ट्यूब वाले पुराने टीवी सेट की तुलना में आज के एलसीडी (LCD/ लिक्विड क्रिस्टल डिस्प्ले) सेट पहले ही एकदम दुबले-पतले और सपाट नज़र आते हैं। अब उनकी जगह लेंगे "ओलेड " (OLED/ ऑर्गैनिक लाइट एमिटिंग डायोड) कहलाने वाले ऐसे सेट, जो केवल 3 या 4 मिलीमीटर मोटे होंगे! जैसा कि नाम ही बताता है, ये कार्बनिक (यानी प्लास्टिक) डायोड बिजली मिलने पर स्वयं ही प्रकाश उत्सर्जित करते हैं।
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