Last Modified: वॉशिंगटन ,
बुधवार, 12 जनवरी 2011 (09:03 IST)
इंसानी रगों में होगा कृत्रिम खून!
वैज्ञानिकों ने कृत्रिम खून बनाने की दिशा में बड़ी उपलब्धि हासिल कर ली है। उन्होंने जेली के समान कृत्रिम कण बनाए हैं जो इंसान की लाल रक्त कोशिकाओं के कुछ मुख्य गुणों से मेल खाते हैं।
चैपल हिल स्थित नॉर्थ कैरोलीना यूनिवर्सिटी के अनुसंधानकर्ताओं ने यह कमाल किया है। उन्हें यकीन है कि वे इससे कैंसर जैसी जानलेवा बीमारियों के अधिक प्रभावी इलाज की चाबी ढूँढ सकते हैं। वैज्ञानिकों की यह उपलब्धि नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेस की जनरल प्रोसिडिंग्स में प्रकाशित हुई है।
वैज्ञानिकों के अनुसार उन्होंने बहुत ही मुलायम हाइड्रोजेल कण बनाने के लिए प्रिंट (पार्टिकल रेप्लीकेशन इन नॉन-वेटिंग टेम्पलेट्स) तकनीक का इस्तेमाल किया। ये कण माप, आकार और कोमलता में लाल रक्त कोशिकाओं से मिलते-जुलते हैं।
हाइड्रोजेल मात्र 0.006 मिलीमीटर के हैं और वास्तविक रक्त कोशिकाओं की तरह अत्यधिक मुलायम हैं। इसका अर्थ यह है कि हाइड्रोजेल मानव शरीर के भीतर रक्त संचार में अधिक समय तक जिंदा रह सकते हैं।
अभी वैज्ञानिकों को इन कणों की यह योग्यता परखनी है कि वे शरीर में ऑक्सीजन के संचार अथवा कैंसररोधी दवा के रूप में कैसे काम करते हैं। लेकिन शुरुआती प्रयोग इस दिशा में इन कणों की भावी क्षमताओं का संकेत करते हैं। संभव है, वह दिन दूर नहीं, जब कृत्रिम रक्त मानव शरीर में अबाधित दौड़ता नजर आए। हाइड्रोजेल कैंसर के इलाज में भी प्रभावी हो सकते हैं। (एजेंसी)