इंजीनियरिंग एंट्रेस के लिए देशभर में एक ही टेस्ट
प्रवेश परीक्षा में जुड़ेंगे 12वीं के अंक
आईआईटी, एनआईटी, आईआईआईटी जैसी संस्थाओं में इंजीनियरिंग संकाय में दाखिला प्राप्त करने की चाहत रखने वाले छात्रों को अब 2013 से नए प्रारूप के तहत परीक्षा देना होगी, जिसमें 12वीं कक्षा में परिणाम को भी तवज्जो दी जाएगी। मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल ने सोमवार को आईआईटी, एनआईटी और आईआईआईटी की संयुक्त परिषद की बैठक के बाद इसकी घोषणा की। सिब्बल ने स्वीकार किया कि आईआईटी की ओर से इस विषय पर विरोध किया गया था। गौरतलब है कि आईआईटी सेनेट और विशेष तौर पर शिक्षक संघ ने नए प्रारूप का विरोध किया था। बहरहाल सिब्बल ने कहा कि आईआईटी और अन्य केंद्रीय संस्थाओं में छात्रों के चयन की प्रक्रिया अलग-अलग होगी। हालांकि सभी को नए प्रारूप के तहत परीक्षा देना होगी। नई व्यवस्था आईआईटी, जेईई और एआईईईई का स्थान लेगी। छात्रों को पहले मुख्य परीक्षा में बैठना होगा, इसके बाद इसी दिन एडवांस टेस्ट लिया जाएगा। सभी केंद्रीय वित्त पोषित संस्थाओं में दाखिले के लिए छात्रों के 12वीं कक्षा के परिणाम को 40 प्रतिशत तवज्जो दी जाएगी, जबकि मुख्य परीक्षा में प्रदर्शन को 30 प्रतिशत और एडवांड टेस्ट में प्रदर्शन को 30 प्रतिशत तवज्जो दी जाएगी। 5
जून को होने वाली केंद्रीय शिक्षा सलाहकार परिषद की बैठक में संयुक्त प्रवेश परीक्षा के लिए संयुक्त दाखिला बोर्ड बनेगा। (भाषा)