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महात्मा बुद्ध की वो कहानी जो आपने नहीं सुनी होगी
शुक्रवार,मई 13, 2022
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Children book: देश और विदेश में बच्चों के लिए हजारों किताबें लिखी गई जिनमें से अब कुछ ही किताबें प्रचलन में इसलिए हैं क्योंकि वह विश्व स्तर पर लोकप्रिय रही हैं। भारतीय विद्वानों ने भी बच्चों को प्रेरित करने या उन्हें मोटिवेट करने के लिए ऐसी कई ...
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एक बार दक्षिणेश्वर मंदिर (Dakshineswar) में रामकृष्ण परमहंस को पुजारी की नौकरी मिली। उनका 20 रुपए वेतन तय किया गया, जो उस जमाने के समय के लिए पर्याप्त था।
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भारतवर्ष गुलाम है, ब्रिटिश हुकूमत का दमन चक्र जारी है। चारों और त्राहि-त्राहि मची है। उनके निरंकुश शासन के आगे आमजन असहाय हैं लेकिन नवयुवकों में आज़ादी पाने का जुनून सवार है। सरदार भगतसिंह, चंद्रशेखर आज़ाद, राम प्रसाद बिस्मिल, बटुकेश्वर दत्ता, ...
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नेताजी सुभाषचंद्र बोस (Netaji subhash bose) के घर के सामने एक बुढ़िया रहती थी। वो एक गरीब भिखारिन (Bhikarin) थी। वे देखते थे कि वह भिखारिन (Beggar) हमेशा भीख मांगती थी
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आप सभी मकर संक्रांति पर खूब पतंग उड़ाएंगे। खूब तिल गुड़ खाएंगे। आपको आपके मम्मी-पापा खूब सारी पतंग, मांजा, फिरकी लाकर देंगे। पर मैं. .. मैं तो अकेला हूं। जब भी मकर संक्रांति आती है मुझे याद आती है अपने मम्मी पापा की। तब मैं बहुत छोटा था। मेरे पंख ...
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एक बार बनारस में स्वामी विवेकानंद जी दुर्गा माता के मंदिर से निकल रहे थे, तभी वहां मौजूद बहुत सारे बंदरों ने उन्हें घेर लिया। बंदर उनके नज़दीक आने लगे और डराने लगे।
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यह कहानी एक लोमड़ी की है। एक बार एक चालाक लोमड़ी को बहुत भूख ली थी और कुछ खाने की तलाश में थी। हर जगह जाकर उसने खाना ढूंढा, लेकिन उसे कुछ भी खाने के लिए नहीं मिला।
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Small Stories in Hindi बहुत समय पहले की बात है। दो बहुत पक्के दोस्त थे। एक बार वे जंगल से गुजरते हुए खतरनाक रास्ते से जा रहे थे। वह रास्ता बिलकुल एकांत स्थान वाला था।
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Short Motivational Story एक गुलाब था, जिसे अपनी सुंदरता पर बहुत गर्व था। अपनी सुंदरता पर उसे बहुत नाज था। वह सिर्फ एक बात से निराश था कि वह एक कैक्टस के बगल में उगा हुआ था।
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Kids Story एक समय की बात है। एक छोटे से कस्बे में एक साधु महाराज पधारे। उनके पास बहुत से दुखी लोग आशीर्वाद लेने पहुंचे। उन्हीं में एक था श्यामा। उनसे साधु महाराज से कहा, मैं बहुत ही गरीब हूं, मेरे ऊपर बहुत कर्ज है
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Kids stories में यहां पढ़ें बच्चों की पसंदीदा रोमांचक, शिक्षाप्रद, मोटिवेशनल, प्रेरणादायक 10 छोटी-छोटी कहानियां...
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गणेशजी को मोदक प्रिय है यह तो सभी जानते हैं, परंतु उनके मोदक प्रिय होने के कई कारण हैं। मोदक लड्डू को गणपति जी को अर्पित करने से वे प्रसन्न हो जाते हैं।
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महाभारत के प्रथम अध्याय में उल्लेख है कि वेद व्यास ने श्री गणेश जी को इसे लिखने का प्रस्ताव दिया तो वे तैयार हो गए। उन्होंने लिखने के पहले शर्त रखी कि महर्षि कथा लिखवाते समय एक पल के लिए भी नहीं रुकेंगे।
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रक्षाबंधन का पर्व नजदीक होने के कारण उत्सव की तैयारियां जोरों पर थीं। महिलाओं के साथ ही बच्चों का उत्साह देखते ही बनता था।
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सुभाषचंद्र बोस के घर के सामने एक बूढ़ी भिखारिन रहती थी। वे देखते थे कि वह हमेशा भीख मांगती थी और दर्द साफ दिखाई देता था।
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कहते हैं सच्चा मित्र ईश्वर का अमूल्य उपहार है। मुझे अपने इस दोस्त और हमारी दोस्ती पर गर्व है। हमारी मित्रता हमेशा बनी रहे यही मैं ईश्वर से प्रार्थना करता हूं।
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एक बकरी थी। वो बहुत मिलनसार थी। बहुत सारी बकरियां उसकी सहेलियां थीं। उसकी किसी से कोई दुश्मनी नहीं थी।
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हिन्दी बाल कहानियों का उदय भारतेंदु युग से माना जाता है। इस काल की अधिकांश कहानियां अनूदित हैं। इसके लिए वे संस्कृत की कहानियों के लिए आभारी हैं। सर्वप्रथम शिवप्रसाद सितारे हिन्द ने कुछ मौलिक कहानियां लिखीं। इनमें ‘राजा भोज का सपना’ ‘बच्चों का इनाम’ ...
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वेदों का सार हैं उपनिषद। उपनिषद का सार है गीता। उपनिषद वेदों के अंतिम भाग हैं अतः इन्हें वेदांत भी कहते हैं। उपनिषदों में कई रोचक और शिक्षाप्रद कहानियां हैं जिनका संबंध हमारे जीवन से हैं। हालांकि उपनिषद की सच्ची कहानियां तो हमें उपनिषदों में ही ...
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बच्चों का मानसिक विकास कहानियां, चित्रकथाएं पढ़ने और पहेलियां सुलझाने के साथ ही माता-पिता और शिक्षकों से बेझिझक बातचीत करने से बढ़ता है। पंचतंत्र, जातक कथा, बाल कहानी संग्रह, उपनिषद की कहानियां, हितोपदेश, वेताल पच्चीसी, सिंहासन बत्तीसी, तेनालीराम की ...
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बच्चों का मानसिक विकास कहानियां, चित्रकथाएं पढ़ने और पहेलियां सुलझाने के साथ ही माता-पिता और शिक्षकों से बेझिझक बातचीत करने से बढ़ता है। भारत में प्राचीनकाल से ही बच्चों के लिए कथा और कहानियों की कई पुस्तक लिखी गई। उन्हीं में से ऐक है हितोपदेश। आओ ...
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गुरु गोविंद सिंह जी के दरबार में भाई घनैया जी सेवा करते थे। भाई घनैया जी बहुत निर्मल स्वभाव के थे और गुरु घर में बहुत ही प्यार से सेवा करते थे।
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एक बार तो महक के मन में यही आया कि वह प्रतियोगिता में भाग न ले। कक्षाध्यापिका के पास जाकर अपना लिखा हुआ नाम कटवा दे। कोई बहाना बना देगी कि उस दिन जरूरी काम से बाहर जाना है।
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गांव में एक किसान रहता था जो दूध से दही और मक्खन बनाकर बेचने का काम करता था..
एक दिन बीवी ने उसे मक्खन तैयार करके दिया वो उसे बेचने के लिए अपने गांव से शहर की तरफ रवाना हुआ...
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हकीम लुकमान का जन्म 1100 ईसा पूर्व हुआ था । वे भारत के आयुर्वेद चिकित्सक चरक के समकालीन थे । कहा जाता है कि वे पेड़ पौधों से भी बातें करते थे । पेड़ पौधे स्वंय अपने औषधीय गुणों से उन्हें वाकिफ कराते थे । पूरे अरब में उनके जैसा कोई चिकित्सक नहीं था।
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’दादाजी, मैं साइकिल चलाना नहीं सीखूंगी।’
दादाजी ने अखबार से चेहरा निकालते हुए पूछा, ’क्यों? गिर पड़ी क्या?’
मैंने अपने सही-सलामत कोहनी और घुटने दिखाते हुए कहा, ’नहीं तो! मैं कहां गिरी? ये देख लो।’
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यह कथा हमने भी बचपन से सुनी है....आइए रस लेते हैं इस प्रेरक कथा का.... पहले एक पहेली है....जरा ध्यान दें
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गौतम बुद्ध को कौन नहीं जानता। यहां पढ़ें उनके जीवन से जुड़ी रोचक एवं शिक्षाप्रद कहानियां-
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अगले मंगलवार को हनुमानजी को भोग लगाकर ही भोजन करूंगी। अंजलि ने भूखी-प्यासी रहकर 7वें दिन मंगलवार को हनुमानजी की पूजा की और उन्हें भोग लगाया
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शिवाजी महाराज के पिता का नाम शाहजी था। वह अक्सर युद्ध लड़ने के लिए घर से दूर रहते थे। इसलिए उन्हें शिवाजी के निडर और पराक्रमी होने का अधिक ज्ञान नहीं था।
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होली का त्योहार पास में आया तो पोंगा पंडित ने मुहल्ले के लड़कों को चुनौती दी, 'मैं इस बार भी होली नहीं खेलूंगा। आज तक कोई मुझे रंग नहीं डाल सका। आगे भी किसी में इतनी हिम्मत
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यह कैसा पुजारी है, जो खुद चखकर भगवान को भोग लगाता है, तो किसी ने कहा- फूल सूंघ कर भगवान के चरणों में अर्पित करता है।
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