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Written By WD Feature Desk
Last Updated : शनिवार, 12 अप्रैल 2025 (17:10 IST)

Hanuman janmotsav 2025: हनुमान जयंती पर प्रदोष काल में जलाएं आटे के 5 दीपक, होंगे 5 फायदे

aate ka diya jalane ke fayde
Hanuman Jayanti 2025: मंगलवार, शनिवार या हनुमान जयंती पर हनुमान मंदिर में जाकर आटे के 5 दीपक जलाने का खास महत्व है। इसी के साथ ही हनुमानजी को लौंग, इलायची, सुपारी, पान का बीड़ा अर्पित करना चाहिए। गुड़-चने का प्रसाद, लड्डू, केसर भात, इमरती, रोट या रोठ, पंचमेवा, चमेली का तेल और फूल, सिन्दूर, ध्वज, जनेऊ, लाल चंदन में केसर, चौला आदि अर्पित करके उनकी पूजा और आरती भी करना चाहिए। 12 अप्रैल 2025 शनिवार के दिन हनुमान जयंती है। प्रदोष काल सूर्यास्त के 48 मिनट तक रहता है। ALSO READ: हनुमान जी के 6 खास चमत्कारी मंदिर, जहां लगती है अर्जी, तुरंत होती है मनोकामना पूर्ण
 
1. शनि बाधा से मुक्ति: शनिवार को हनुमान मंदिर में जाकर हनुमानजी को आटे के दीपक लगाने से शनि की बाधा भी दूर हो जाती है।
 
2. कर्ज से मुक्ति: यदि आप कर्ज में डूबे हैं तो आटे के बने दीपक में चमेली का तेल डालकर उसे बड़ के पत्ते पर रखकर जलाएं। ऐसे 5 पत्तों पर 5 दीपक रखें और उसे ले जाकर हनुमानजी के मंदिर में रख दें। हनुमान जयंती के अलावा ऐसा कम से कम 11 मंगलवार को करें। 
 
3. मंगल दोष से मुक्ति, मनोकामना पूर्ति: आटे का 5 मुखी दीपक सरसों के तेल से भरें और उसे हनुमान मंदिर में रखें, जो भी मनोकामना होगी वह पूर्ण हो जाएगी। हनुमान जयंती के अलावा ऐसा पांच मंगलवार तक करें। इससे मंगलदोष में भी राहत मिलती है।
 
4. साधान में सिद्धि हेतु: किसी भी प्रकार की साधना या सिद्धि में सफलता हेतु आटे का दीपक बनाते हैं और उसमें बत्ती लगाकर उसे प्रज्वलित करके हनुमान मंदिर में विधिवत रूप से रखते हैं।
 
5. सभी संकटों से मुक्ति हेतु: यदि आप किसी संकट से घिरे हैं तो हनुमाजी के मंदिर में बढ़ते क्रम से आटे का दीपक जलाएं। ये दीप घटती और बढ़ती संख्या में लगाए जाते हैं। एक दीप से शुरुआत कर उसे 11 तक ले जाया जाता है। जैसे संकल्प के पहले दिन 1 फिर 2, 3, ,4 , 5 और 11 तक दीप जलाने के बाद 10, 9, 8, 7 ऐसे फिर घटते क्रम में दीप लगाए जाते हैं। यह दीपक कर्ज से मुक्ति, शीघ्र विवाह, नौकरी, बीमारी, संतान प्राप्ति, खुद का घर, गृह कलह, पति-पत्नी में विवाद, जमीन जायदाद, कोर्ट कचहरी में विजय, झूठे मुकदमे तथा घोर आर्थिक संकट के निवारण हेतु आटे के दीप संकल्प के अनुसार जलाए जाते हैं।ALSO READ: हनुमान चालीसा पढ़ने का सही समय क्या है?