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Written By WD Feature Desk
Last Updated : शनिवार, 12 अप्रैल 2025 (08:55 IST)

हनुमान जयंती पर पूजा का शुभ मुहूर्त, पूजन सामग्री और मंत्र सहित विधि

Hanuman Puja
Hanuman Jayanti 2025:  चैत्र माह की पूर्णिमा के दिन हनुमान जयंती मनाई जाती है। इस बार 12 अप्रैल 2025 शनिवार के दिन हनुमान जन्मोत्सव मनाया जाएगा। हनुमानजी के जन्म दिन पर मंदिरों में विशेष पूजा और अर्चना होती है। यदि आप घर में पूजा कर रहे हैं तो जानिए पूजा का शुभ मुहूर्त, पूजन सामग्री और पूजा करने की सरल विधि। 
 
हनुमान पूजा की सामग्री: चंदन, सिंदूर, अक्षत, चमेली का तेल, लाल फूलों की माला, धूप दीप, अगरबत्ती, लाल वस्त्र, हनुमान जी की मूर्ति या तस्वीर, हनुमान चालीसा पुस्तक, पंचफल, पंचामृत, जनेऊ, तुलसी, पान का बीड़ा, पान का बीड़ा, ध्वज, लाल लंगोट, लौंग, पंजरी, बेसन या मोतीचूर के लड्डू, रोठ, गुड़, चना, इमरती या जलेबी, हलुआ आदि। 
 
हनुमान पूजा का शुभ मुहूर्त:-
अभिजीत मुहूर्त: सुबह 11:56 से दोपहर 12:48 के बीच।
अमृत काल: सुबह 11:23 से दोपहर 01:11 के बीच।
गोधूलि मुहूर्त : शाम 06:44 से 07:06 के बीच।
सन्ध्या पूजा मुहूर्त: शाम 06:45 से रात्रि 07:52 के बीच।
निशीथ काल मुहूर्त: मध्यरात्रि 11:59 से 12:44 के बीच।
सुबह पूजा का मुहूर्त- सुबह 07.35 से सुबह 09.10 तक।
शाम पूजा का मुहूर्त- शाम 06.45 से रात 08.09 तक। 
 
हनुमान मंत्र:
1-ॐ हं हनुमते नम:।
2-ॐ हं हनुमते रुद्रात्मकायं हुं फट्।
3-ॐ नमो भगवते आंजनेयाय महाबलाय स्वाहा।
4-ॐ नमो भगवते हनुमते नम:।
 
स्तुति मंत्र:
1- मनोजवं मारुततुल्यवेगं, जितेन्द्रियं बुद्धिमतां वरिष्ठ। वातात्मजं वानरयूथमुख्यं, श्रीरामदूतं शरणं प्रपद्ये॥
2- अतुलितबलधामं हेमशैलाभदेहं दनुजवनकृशानुं ज्ञानिनामग्रगण्यम्। 
सकलगुणनिधानं वानराणामधीशं रघुपतिप्रियभक्तं वातजातं नमामि॥
 
हनुमान पूजा का क्रम: 
  1. शुद्धिकरण
  2. आचमन
  3. शिखा बंधन
  4. प्राणायाम
  5. न्यास
  6. पृथ्वी पूजा
  7. पंचदेव पूजा
  8. आवाहन
  9. आसन
  10. स्नान
  11. गंध, पुष्प, माला, धूप, दीप अर्पण
  12. नैवेद्य एवं प्रसाद अर्पण
  13. पुन: आचमन
  14. अक्षत, कुमकुम और चंदन अर्पण
  15. अंत में आरती और प्रसाद वितरण
 
हनुमान पूजा विधि:
- सूर्योदय पूर्व उठकर स्नान आदि से निवृत्त होकर लाल वस्त्र पहनें।
- पूजा स्थल को पवित्र करें और पूजा सामग्री को एक थाल में पूजा स्थल पर रखें।
- पूजा स्थल पर एक लकड़ी का पड़ा पाट लगाएं और उसके उपर लाल या सफेद वस्त्र बिछाएं।
- पूजा स्थल के उत्तर दिशा में पंचदेवों की स्थापना और कलश स्थापना करें। 
- इसके बाद मध्य में हनुमानजी की तस्वीर या मूर्ति को पाट पर विराजमान करें। 
- उनकी तस्वीर या मूर्ति पर जल छिड़कर कर पवित्र करें। साफ वस्त्र से उन्हें पोछ दें।
- उन्हें सुंदर वस्त्र पहनाएं।
- घी का दीप प्रज्वलित करें और अगरबत्ती जलाएं।
- इसके बाद उनका आवाहन करें। 
- इसके बाद उन्हें माला पहनाएं।
- माला पहनाने के बाद उनके चरणों में फूल अर्पित करें।
- इसके बाद उनकी पूजा करें। यानी उन्हें सिंदूर, चंदन और चमेली का तेल लगाएं।
- साथ साथ ही पंचदेवों की पूजा भी करें।
- इसके बाद उनका मनपसंद नैवेद्य अर्पित करें। पंचामृत अर्पित करें।
- इसके बाद उनकी विधिवत आरती उतारें।
- हनुमान चालीसा और सुंदरकाण्ड का पाठ करें।
- अंत में अपने घर पर हनुमान जी की ध्वजा का आरोहण करें।