शुक्रवार, 7 फ़रवरी 2025
  • Webdunia Deals
  1. धर्म-संसार
  2. »
  3. धर्म-दर्शन
  4. »
  5. जैन धर्म
Written By WD

॥ गाथा-आर्या गीति ॥

॥ गाथा-आर्या गीति ॥ -
WDWD


मचकुंद चंप मालई, कमलाई पुष्फपंच-वण्णई ।
जगनाह न्हवण समये, देवा कुसुमांजलि दिंदि ॥5॥

नमोऽर्हत्‌ सिद्धाचार्योपाध्याय सर्वसाधुभ्यः ॥

॥ कुसुमांजलि ढाल ॥

रयण सिंहासन जिन थापीजे, कुसुमांजलि प्रभु चरणे दीजे ।
कुसुमांजलि मेलो शांति जिणंदा ॥6॥

॥ दोहा ॥
जिण तिहुं कालय सिद्धनी, पडिमा गुण भंडार।
तसु चरणे कुसुमांजलि, भविक दुरित हरनार ॥7॥

(नमोऽर्हत्‌ बोलना)

॥ कुसुमांजलि ढाल ॥

कृष्णागरुवर धूप धरीजे, सुगंधकर कुसुमांजलि दीजे।
कुसुमांजलि मेलो नेमि जिणंदा ॥8॥

॥ गाथा-आर्या-गीत ॥
जसु परिमलबलदह दिसिं, महुयर झंकार सद्दसंगीया ।
जिणचलणोवरी मुक्का, सुरनर कुसमांजलि सिद्धा ॥9॥

(नमोऽर्हत्‌ बोलना)

॥ कुसुमांजलि ढाल ॥

पास जिणेसर जग जयकारी, जल थल फूल उदक करधारी।
कुसुमांजलि मेलो पार्श्व जिणंदा ॥10॥