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Written By WD

उदर-रोग दूर करने हेतु

उदर-रोग दूर करने हेतु -
हेतु- उदर-रोग दूर हो जाते हैं।

नास्तं कदाचिदुपयासि न राहु-गम्यः स्पष्टीकरोषि सहसा युगपज्जयन्ति ।
नाम्भोधरोदर-निरुद्ध-महाप्रभावः सूर्यातिशायि महिमाऽसि मुनीन्द्र! लोके ॥ (17)

ओ मुनीन्द्र! अतिशय महिमाशाली सूरज जैसे आप समूचे विश्व को प्रकाशित करते हैं! प्रभावित करते हैं! फिर भी आपको कभी भी बदली की छाया छू नहीं पाती... कि आपके ज्योतिर्मय बिम्ब को राहु ग्रसित नहीं कर पाता।

ऋद्धि- ॐ ह्रीं अर्हं णमो अठ्ठंगनिमित्तकुसलाणं ।

मंत्र- ॐ नमो नमिउण अट्टे मट्टे क्षुद्रविघट्टे क्षुद्रपीड़ां जठरपीड़ां भंजय भंजय सर्वपीडा सर्वरोग निवारणं कुरु कुरु स्वाहा ।