अब बनवाइए पासपोर्ट, नियम हुए आसान
नई दिल्ली। सरकार ने पासपोर्ट के नियमों को लचीला बना दिया है और अब लोगों को किसी भी अनुलग्नक को नोटरी या न्यायिक मजिस्ट्रेट के सत्यापित शपथ-पत्र के रूप में देने की जरूरत नहीं होगी। केवल सादे कागज़ पर अनुलग्नक प्रिंट करके देने से भी काम चलेगा। साधु-संन्यासियों को अभिभावक की जगह उनके आध्यात्मिक गुरु का नाम लिखने की छूट दे दी गई है।
विदेश राज्यमंत्री जनरल वीके सिंह ने यहां पासपोर्ट के नए नियमों को जारी किया। विदेश मंत्रालय एवं महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के एक अंतरमंत्रालयीन समिति की सिफारिशों और विभिन्न वर्गों से विचार विमर्श के आधार पर ये नियम बदले गए हैं। जन्मतिथि के लिए आधार एवं ई-आधार कार्ड, भारतीय जीवन बीमा निगम या अन्य कंपनियों के पॉलिसी बॉण्ड या बीमा दस्तावेज को मान्य दस्तावेज की दर्जा दे दिया गया है।
माता-पिता में से एक का नाम : नए नियमों के अनुसार अब पासपोर्ट में लोगों को अपने माता और पिता दोनों के नाम की जगह किसी एक का नाम लिखना होगा। पासपोर्ट के आवेदन में अनुलग्नकों की संख्या 15 से घटा कर 9 कर दी गई है। सभी अनुलग्नकों को अब नोटरी/ न्यायिक मजिस्ट्रेट के शपथ-पत्र की बजाय एक सादे कागज़ पर लिखकर या प्रिंट करके देना होगा। विवाहित लोगों को विवाह प्रमाण-पत्र या अनुलग्नक 'के' नहीं देना होगा।तलाकशुदा लोगों को अपने जीवनसाथी का नाम देना जरूरी नहीं रहेगा।
अनाथ बच्चों की जन्मतिथि के प्रमाण के रूप में अगर मेट्रिकुलेशन प्रमाण-पत्र या अदालत का प्रमाण-पत्र नहीं है तो अनाथालय के प्रमुख द्वारा उनके आधिकारिक लेटरहैड पर लिखकर देने को भी प्रमाण माना जाना जाएगा। विवाह बंधन के बाहर जन्म लेने वाले बच्चों के लिए केवल अनुलग्नक 'जी' देना होगा। गोद लिए गए बच्चों के लिए अभिभावकों को एक सादे कागज पर शपथ-पत्र देना होगा।
सरकारी कर्मचारी जो अनुलग्नक 'बी' या अनुलग्नक 'एम' हासिल करने में असमर्थ हैं तो उन्हें अनुलग्नक 'एन' देना होगा। साधु-संन्यासियों ने सरकार ने आग्रह किया था कि उनके अभिभावक की जगह उनके आध्यात्मिक गुरु का नाम लिखने की छूट दी जाए। सरकार ने कहा है कि अगर निर्धारित सरकारी दस्तावेजों में से किसी भी एक में उनके अभिभावक की जगह उनके गुरु का नाम लिखा है तो उसके आधार पर पासपोर्ट में उनके आध्यात्मिक गुरु का नाम दर्ज किया जा सकता है। नए नियम जल्द ही अधिसूचित किए जाएंगे। नए नियमों की जानकारी सभी पासपोर्ट अधिकारियों एवं कार्यालयों और मिशनों को भेज दी गई है। (वार्ता)