Last Modified: बंगलोर। ,
शुक्रवार, 14 सितम्बर 2007 (14:48 IST)
विप्रो का 'सुपरनोवा' सुपर कम्प्यूटर
दुनिया में भारत को सूचना प्रौद्योगिकी के प्रमुख देश के रूप में झंडे गाड़ने वाली भारतीय कंपनियों में से एक विप्रो लि. ने गुरुवार को एक और कमाल किया। विप्रो ने देश का पहला सुपर कम्प्यूटर 'सुपरनोवा' नाम से पेश किया।
विप्रो के उपाध्यक्ष (पर्सनल कम्प्यूटिंग) आशुतोष वैद्य ने पत्रकारों को बताया कि इस एक टेराफ्लोप व चार टेराबाइट स्टोरेज क्षमता वाले इस सुपर कम्प्यूटर का शुरुआती मूल्य 25 लाख रुपए है। यह भारतीय कंपनियों की अधिक क्षमता की कम्प्यूटिंग जरूरतों को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया है और इसकी कीमत अन्य कंपनियों के सुपर कम्प्यूटरों से कम है। फिलहाल बाजार में आईबीएम का ब्ल्यू जीन नामक सुपर कम्प्यूटर ही उपलब्ध है।
अमेरिकी कंपनी का सहयोग : विप्रो ने सुपर कम्प्यूटर अमेरिका के कैलिफोर्निया में स्थित कंपनी जेड रिसर्च इंकार्पोरेशन के सहयोग से बनाया है। कंपनी को सुपर कम्प्यूटर बनाने में विशेषज्ञता हासिल है। इसका एक सेंटर बंगलोर में भी है। जेड रिसर्च के सह-संस्थापक रहे श्री आनंद बाबू पेरिस्वामी ने कहा कि भारत में सुपर कम्प्यूटर अब विज्ञान की काल्पनिक युक्ति नहीं रहे।
कहाँ उपयोग : सुपर कम्प्यूटर का उपयोग वैज्ञानिक अनुसंधान, रक्षा, मौसम विज्ञान, भूगर्भीय सर्वे, जैव प्रौद्योगिकी, उपग्रह प्रक्षेपण, नेनो-टेक्नॉलॉजी, एनिमेशन, बड़े नक्शे बनाने, बैंकिंग आदि क्षेत्रों में तेज डेटा प्रोसेसिंग और स्टोरेज क्षमता की जरूरतों को पूरा करने में उपयोगी साबित होगा। सूत्रों के अनुसार परमाणु बम अनुसंधान में भी यह उपयोगी साबित हो सकता है।
सुपर कम्प्यूटर यानी... सुपर कम्प्यूटर की खासियत है सीमलेस स्केलेबिलिटी यानी अखंड मापकता। विज्ञान की इस चमत्कारी खोज की मेमोरी और प्रोसेसर की क्षमता अद्भुत है। सुपर कम्प्यूटर की गणना करने की क्षमता को टेराफ्लोप नामक इकाई से जाना जाता है। यह सुपरनोवा की क्षमता।
टेराफ्लोप से लेकर सैकड़ों पीटाफ्लोप है। एक टेराफ्लोप यानी 10 खरब गणना प्रति सेकंड और एक पीटाफ्लोप यानी 1024 टेराफ्लोप। इसे सही-सही जानना हो तो 10 खरब में 1024 का गुणा कर जाना जा सकता है कि इस कम्प्यूटर की गणना करने की क्षमता उतनी होगी।