CSK Fan did not pay daughters' fees spent 64000 rupees : MS Dhoni... यह इस तरह की शख्सियत हैं कि कई लोग इन्हे अपनी प्रेरणा समझते हैं तो कई लोग इन्हे पूजते हैं लेकिन कुछ लोगों का जूनून इनके प्रति पागलपन को भी दर्शाता है।
हमने देखा है कि धोनी की सिर्फ एक झलक पाने को उनके फैन्स घंटो तक उनका इंतजार करते हैं। उन्हें बैटिंग करते देखने को लोग तरस जाते हैं और उन्होंने यह प्यार, सम्मान बड़ी बड़ी उपलब्धियों और अपने जमीन से जुड़े नेचर की वजह से पाया है।
धोनी के फैन्स हमेशा ही चर्चा में रहते हैं लेकिन इस वक्त एक ऐसा फैन चर्चा में है जिसने अपनी बेटियों की फीस जमा नहीं की है लेकिन ब्लैक में 64000 रूपए खर्च कर वो शख्स महेंद्र सिंह धोनी की एक झलक पाने को टिकट खरीद कर मैच देखने गया।
8 अप्रैल को एमए चिदंबरम स्टेडियम में चेन्नई सुपर किंग्स (CSK) ने कोलकाता नाइट राइडर्स (KKR) की मेजबानी की थी और एक फैन ने अपनी तीन बेटियों के साथ इस मैच में धोनी की एक झलक पाने के लिए 64,000 रूपए खर्च कर दिए।
हम MS Dhoni को सिर्फ एक बार देखना चाहते थे
मैच के बाद Sportwalk Chennai से बातचीत करते हुए उस शख्स ने कहा, "मुझे टिकट नहीं मिले, इसलिए मैंने उन्हें ब्लैक में खरीदा, यह कुल 64,000 रुपये का था, मुझे अभी भी स्कूल की फीस भरनी है, लेकिन हम एमएस धोनी को सिर्फ एक बार देखना चाहते थे. मेरी तीन बेटियां और मैं बहुत खुश हैं."
वहीं उनकी बेटी ने कहा,"मेरे पिता ने इन टिकटों को पाने के लिए बहुत मेहनत की है. जब धोनी खेलने आए तो हम बहुत खुश थे."
उस व्यक्ति का यह कहना कि उसने अभी तक अपनी बेटियों की स्कूल फीस का भुगतान नहीं किया है लेकिन मैच के लिए इतने पैसे खर्च कर दिए, सोशल मीडिया पर कुछ लोगों को बिलकुल पसंद नहीं आया।
एक यूजर ने कमेंट किया, “यह शख्स मूर्खता की अलग दुनिया से है।” एक और चिल्लाया, “प्राथमिकताएँ! इस पिता के बच्चों को शिक्षा दिलाने में धोनी नहीं करेंगे मदद!
एक इंस्टाग्राम यूजर ने लिखा, "एक मैच बच्चों की शिक्षा से ज्यादा मूल्यवान नहीं है। इसका महिमामंडन न करें।"
यूरोलॉजिस्ट डॉ. जैसन फिलिप ने X (Twitter) पर लिखा, "इस मूर्खता का वर्णन करने के लिए मेरे पास शब्द नहीं हैं।"
मैच की बात करें तो Chennai Super Kings (CSK) ने इस मैच में Kolkata Knight Riders (KKR) को सात विकेट से हराया। चेन्नई की पांच मैचों में यह तीसरी जीत है जबकि केकेआर के लिए चार मैचों में यह पहली हार थी।