यह लगातार प्लेऑफ में दूसरी बार हुआ है जब किसी टीम का सर्वाधिक रन बनाने वाले बल्लेबाज पर ही हार का ठीकरा फूटा हो। सोशल मीडिया पर कप्तान केएल राहुल पर ही लखनऊ सुपर जाएंट्स की हार का दोष मढ़ा जा रहा है ठीक वैसे ही जैसे गुजरात बनाम राजस्थान के पहले क्वालिफायर मैच में जॉस बटलर को मैच का मुजरिम बताया जा रहा था।
गौरतलब है कि आरसीबी ने पाटीदार की 54 गेंद में 12 चौकों और सात छक्कों से नाबाद 112 रन की पारी और दिनेश कार्तिक (नाबाद 37) के साथ पांचवें विकेट के लिए सिर्फ 6.5 ओवर में 92 रन की अटूट साझेदारी से चार विकेट पर 207 रन बनाए। पाटीदार ने विराट कोहली (25) के साथ भी दूसरे विकेट के लिए 66 रन जोड़े।
पाटीदार और कार्तिक ने डेथ ओवरों में तूफानी बल्लेबाजी की जिससे आरसीबी की टीम अंतिम पांच ओवर में 84 रन बटोरने में सफल रही। पाटीदार मौजूदा सत्र में शतक जड़ने वाले चौथे बल्लेबाज हैं।
सुपर जाइंट्स की टीम इसके जवाब में कप्तान लोकेश राहुल (79) के अर्धशतक और दीपक हुड्डा (45) के साथ तीसरे विकेट की उनकी 96 रन की साझेदारी के बावजूद छह विकेट पर 193 रन ही बना सकी।
तीसरे विकेट के लिए लगभग 100 रनों की साझेदारी करने के बावजूद टीम ने हिटिंग बहुत बाद में शुरु की। वानिंदू हसरंगा जब 13 ओवर डालने आए तब जाकर हुड्डा ने छक्का लगाया जब टीम को 100 रनों की दरकार थी। इसके अलावा केएल राहुल भी मैच को कुछ ज्यादा ही अंत तक लेकर चले गए जिससे जरूरी रन रेट इतनी बढ़ गई की मैच लखनऊ के हाथ से निकल गया।
इस कारण ही केएल राहुल ट्विटर पर काफी ट्रोल हुए और उनका मेंटर गंभीर के साथ फोटो भी वायरल हुआ।
बीचे के ओवर्स में बड़े शॉट्स नहीं लगा पाए लखनऊ के बल्लेबाज
रॉयल चैलेंजर्स बेंगलोर के खिलाफ आईपीएल एलिमिनेटर में मिली हार के बाद लखनऊ सुपर जाइंट्स के कप्तान के एल राहुल ने स्वीकार किया कि उनकी टीम को बीच के ओवरों में दो बड़े शॉट्स की जरूरत थी।
राहुल ने मैच के बाद प्रेस कांफ्रेंस में कहा , बीच के ओवरों में दो बड़े शॉट खेलने से मैच की तस्वीर बदल सकती थी। अब देखने पर ऐसा ही लगता है।
7 ओवर तक सिर्फ एक ही चौका लगा पाए थे राहुलपावरप्ले के बाद 7 ओवरों के दौरान राहुल एक ही चौका लगा सके जबकि वह इतने काबिल बल्लेबाज हैं कि दुनिया के किसी भी गेंदबाजी आक्रमण की बखिया उधेड़ सकते हैं।इस सत्र में उन्होंने दो शतक और चार अर्धशतक लगाये हैं लेकिन लक्ष्य का पीछा करते हुए बल्लेबाजी पर उन्हें मेहनत करनी होगी। लखनऊ की टीम लक्ष्य का पीछा करते हुए सात में से पांच मैच हारी है।
राहुल ने कहा , हमने कुछ मैच जीते लेकिन लक्ष्य का पीछा करते हुए उतने कामयाब नहीं रहे। हमें यह सीखना होगा। मेरे लिये बाकी सत्र की तरह यह सत्र भी अच्छा सबक रहा। एक टीम के रूप में यह काफी चुनौतीपूर्ण था और हमने बहुत कुछ सीखा।
दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ आगामी श्रृंखला में भारतीय टीम की कमान संभालने जा रहे राहुल ने 15 मैचों में 616 रन बनाये।उन्होंने कहा , यह बड़ा मैच था और बड़े मैच में आप अपना फॉर्म और पिछले 14 मैचों के रन भूल जाते हैं ।इसे नये मैच की तरह ही खेलकर अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने की कोशिश करते हैं ।मैने भी एलिमिनेटर में वही किया लेकिन मुझे बहुत कुछ सीखने को मिला।
उन्होंने कहा , ऐसा नहीं है कि हमने चौके छक्के लगाने की कोशिश नहीं की लेकिन बीच के ओवरों में उन्होंने शानदार गेंदबाजी की। हर्षल के दो ओवरों ने हम पर दबाव बना दिया। उसने दो ओवर में आठ ही रन दिये।
खराब क्षेत्ररक्षण पर भी बरसे राहुलउन्होंने यह भी कहा कि लचर क्षेत्ररक्षण ने टीम की राह और मुश्किल कर दी।उन्होंने कहा , हमने कई आसान कैच टपकाये। मैने दिनेश कार्तिक का कैच छोड़ा जब वह दोहरे अंक तक नहीं पहुंचा था। रजत पाटीदार को जीवनदान मिले। इसके बावजूद हमने अपनी ओर से पूरी कोशिश की और 208 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए दो बड़े शॉट से चूक गए।