मैच के बाद बोले रोहित, 'क़िस्मत को कभी हमारा साथ देना ही था'
मुम्बई: मुंबई इंडियंस के कप्तान रोहित शर्मा ने गुजरात टाइटंस से कल रोमांचक मुकाबला आखिरी ओवर में जीतने के बाद कहा कि अंत में यह एक क़रीबी मुक़ाबला हो गया। हम लंबे समय से जीत की तलाश कर रहे थे और क़िस्मत को कभी ना कभी तो पलटना था।
रोहित ने मैच के बाद कहा, 'हमने 15-20 रन कम बनाए। मध्य ओवरों में गुजरात ने अच्छी गेंदबाज़ी की जिसके बाद टिम डेविड ने पारी को समाप्त किया। ओस के आने और इस पिच को देखते हुए हमें पता था कि मैच आसान नहीं होगा। आपको मैच की स्थिति को ध्यान में रखते हुए गेंदबाज़ों को बदलने का निर्णय लेना होता है। गेंद अच्छे से बल्ले पर आ रही थी इसलिए हमने धीमी गति से गेंदबाज़ी करने की योजना बनाई। हम केवल एक मैच पर ध्यान दे रहे हैं और ज़्यादा आगे की नहीं सोच रहे हैं। हमने आज भी अपना सर्वश्रेष्ठ क्रिकेट नहीं खेला और हम और बेहतर कर सकते थे।'
कप्तान ने कहा,'डेनियल सैम्स शुरुआती मैचों के बाद दबाव में थे लेकिन मैं जानता था कि वह एक कारगर गेंदबाज़ हैं। बीबीएल और ऑस्ट्रेलिया के लिए मैंने उनका खेल देखा है और मैंने उनका समर्थन किया। मुश्किल सीज़न में भी हम एकादश में अधिक बदलाव नहीं करना चाहते हैं। अंतिम ओवर में 9 रन बचाना आसान नहीं होता और सैम्स ने अच्छी गेंदबाज़ी की।'
प्लेयर ऑफ़ द मैच बने टिम डेविड ने कहा, ' मैच जीतने के बाद मुझे बहुत ख़ुशी हो रही है। बल्लेबाज़ी के लिए वह पिच अनुकूल थी और मुझे लगा कि मैंने अंतिम ओवर में कुछ गेंदें छोड़ दी। हमारे गेंदबाज़ों ने अंतिम 10 ओवरों में बढ़िया वापसी की। विकेट पर अच्छी शुरुआत करनी थी जिससे सब कुछ आसान हो जाता। मैदान से बाहर रखकर अपने साथियों को हारते देखना कभी अच्छा नहीं होता। आप हमेशा योगदान देने के लिए तैयार रहना चाहते हैं।'
बल्लेबाज़ों ने हमें निराश किया: हार्दिकगुजरात टाइटंस के कप्तान हार्दिक पांड्या ने मुम्बई इंडियंस के खिलाफ मुकाबला अंतिम ओवर में हारने के बाद कहा कि किसी भी दिन हम अंतिम ओवर में 9 रन बना सकते थे। मुझे लगता है कि बल्लेबाज़ों ने हमें निराश किया। टी20 क्रिकेट में आप लगातार विकेट नहीं गंवा सकते।
हार्दिक ने मैच के बाद कहा, ''उस एक ओवर में दो विकेट गंवाना हमपर भारी पड़ा। ऐसे कई मैच हुए हैं जहां हमने अंतिम ओवर में जीत दर्ज की। हम निराश होंगे लेकिन इस मैच के बारे में अधिक सोच विचार नहीं करेंगे। हमने 39.4 ओवरों में अच्छा क्रिकेट खेला। केवल एक या दो बड़े शॉट मैच के नतीजे को बदल सकते थे। हमें 20वें ओवर से पहले ही मैच को समाप्त कर देना चाहिए थे। एक समय पर वह 200 की तरफ़ आगे बढ़ रहे थे। बल्लेबाज़ों ने दबाव झेलकर हमारी वापसी करवाई। इस पिच पर मैं 170 का स्कोर खुशी खुशी ले लेता।''
(वार्ता)