गुजरात को फाइनल मुट्ठी में करने के लिए करने होंगे यह 3 बड़े काम
गुजरात टाइटंस फाइनल में पहुंच गई है। यह ही अकेली ऐसी टीम है जो प्लेऑफ में पहुंची है और जिसे अपने घरेलू मैदान पर खेलने का मौका मिलेगा। ईडन गार्डन्स पर भी मैच खेले गए थे लेकिन कोलकाता की टीम प्लेऑफ से पहले ही बाहर हो गई थी।
गुजरात टाइटंस के लिए यह सत्र अद्भुत रहा है। मुंबई में लीग मैचों में प्लेऑफ में पहुंचने वाली पहली टीम बनने के बाद गुजरात टाइटंस फाइनल में पहुंचने वाली पहली टीम भी बन गई थी। गुजरात तीसरी टीम है जिसने पहले ही आईपीएल सत्र में फाइनल में पहुंचने का कारनामा किया है। इससे पहले साल 2008 में राजस्थान और चेन्नई ने यह काम किया था।
गुजरात का पलड़ा वैसे भी राजस्थान पर खासा भारी है। गुजरात बनाम राजस्थान के दो मैच हुए हैं और दोनों में गुजरात को बड़ी जीत मिली है। लीग मैच में गुजरात ने राजस्थान को 37 रनों से हराया था। वहीं प्लेऑफ के क्वालिफायर 1 में राजस्थान को 7 विकेटों से हराया।
अगर यह 3 काम गुजरात की टीम और कर ले तो फाइनल में उसकी जीत सुनिश्चित हो जाएगी।
1) जॉस बटलर को सस्ते में समेटना- जॉस बटलर ने तो अपना चौथा शतक आईपीएल 2022 में लगा दिया। ऐसे टूूर्नामेंट में जहां बल्लेबाज अपने फॉर्म के लिए जूझ रहे हो आईपीएल के पहले 35 मैचों में 3 शतक लगाना एक खास बात है। अपने 16 मैचों की 16 पारियों में जॉस बटलर 58 की शानदार औसत और 151 की बेहतरीन स्ट्राइक रेट से 824 रन बनाए हैं।
प्लेऑफ के शुरु होते साथ ही जॉस बटलर ने अपना फॉर्म वापस पा लिया है।जॉस बटलर ने गुजरात के खिलाफ 89 रन बनाए थे। इसके बाद कल बैंगलोर के खिलाफ उन्होंने शतक ही जड़ डाला। अगर उनका विकेट गुजरात सस्ते में ले लेती है तो फिर आधा काम हो जाएगा।
2) युजवेंद्र चहल पर आक्रामक होना- सर्वाधिक विकटों की बात करें तो यह कमाल की हैट्रिक ले चुके युजवेंद्र चहल के पास है। युजवेंद्र चहल अब तक इस सत्र में वह 16 मैचों में 64 ओवर डालकर 507 रन देकर 26 विकेट ले चुके हैं। कोलकाता के खिलाफ किया गया उनका प्रदर्शन सर्वश्रेष्ठ है जिसमें उन्होंने 40 रन देकर 5 विकेट लिए थे।
पिछले मैच में बैंगलोर ने यह बता दिया कि चहल को कैसे खेलना है। चहल ने 4 ओवरों में 45 रन देकर कोई भी विकेट नहीं लिया। कुछ ऐसी ही अक्रामक रणनीति गुजरात को भी अपनानी होगी। गुजरात से हुए मैच में भी चहल को एक भी विकेट नहीं मिला था और वह 32 रन दे बैठे थे।
3) निचला क्रम है राजस्थान की कमजोर कड़ी- मध्यक्रम या फिर यूं कहे कि निचला क्रम राजस्थान की कमजोर कड़ी है। हिटमायर भारत वापस लौटने के बाद अच्छे फॉर्म में नहीं है। अश्विन ने विश्वास जगाया है लेकिन वह उतनी फुर्ती से रन नहीं बनाते। इसके अलावा रियान पराग ने लगातार निराश किया है। अगर 16-20 ओवरों के बीच यह बल्लेबाजी के लिए आते हैं तो इनके विकेट निकालकर मैच को एकतरफा बनाया जा सकता है।