चेन्नई सुपर किंग्स आईपीएल 2022 में खिताब की प्रबल दावेदार के रूप में उतरी थी। गत उपविजेता कोलकाता से होने वाले पहले मैच के ठीक 2 दिन पहले चेन्नई की ओर से घोषणा हुई कि इस बार रविंद्र जड़ेजा चेन्नई की कप्तानी संभालेंगे।
लेकिन चेन्नई सुपर किंग्स को पहले 4 मैचों में हार का स्वाद चखना पड़ा। टीम के लिए कुछ सही नहीं जा रहा था। अंत में बैंगलोर के खिलाफ टीम ने अपना खाता खोला। लेकिन टीम उस लय में नहीं दिख रही थी।
जडेजा के नेतृत्व में सीएसके ने इस सत्र में खराब शुरुआत करते हुए आठ मैच में से सिर्फ दो मैच जीत पायी थी। इसी कारण सीएसके प्लेऑफ से बाहर होने के कगार पर थी। जडेजा अपने खराब फर्म से जूझ रहे हैं। ऐसे में चेन्नई ने फिर से महेंद्र सिंह धोनी को कप्तानी देने का फैसला किया।
धोनी को कप्तानी मिलते साथ ही टीम अलग तो दिखी और जीती भी लेकिन जीत की लय बरकरार नहीं रख पायी और अंत में प्लेऑफ से बाहर होने वाली दूसरी टीम बनी। इससे पहले मुंबई इंडियन्स आधे आईपीएल 2022 के पड़ाव पर प्लेऑफ की दौड़ से बाहर हो गई थी।
चेन्नई के लिए कप्तानी को बार बार जड़ेजा और महेंद्र सिंह धोनी के बीच गेंद की तरह पाले में होना चेन्नई के पतन का बड़ा कारण बना लेकिन चेन्नई के बुरे प्रदर्शन के 3 प्रमुख कारण रहे।
सलामी बल्लेबाजों ने रंग में आते आते बहुत देर कर दीपिछले साल के औरेंज कैप होल्डर ऋतुराज गायकवाड़ की शुरुआत खासी खराब रही। वह 2 मैचों में तो खाता भी नहीं खोल पाए। उनको फॉर्म में आने के लिए काफ समय लग गया। शादी के बाद अंतिम 11 में स्थान बनाने वाले डेवॉन कॉन्वे को माही की कप्तानी में ही ज्यादातर मौका मिला। उन्होंने 4 मैचों में 231 रन बनाए लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। टीम की सलामी बल्लेबाजी भी बार बार बदली गई और जब तक टीम को गायकवाड़ और कॉन्वे ने 2 जीत दिलाई तब तक टीम के लिए आगे का रास्ता कठिन हो गया था।
चोटिल खिलाड़ियों की लिस्टपहले दीपक चाहर इसके बाद एडम मिल्ने और अंत में रविंद्र जड़ेजा, टीम चोट के कारण अपने अहम खिलाड़ी गंवाती रही।
न्यूजीलैंड के तेज गेंदबाज मिल्ने को कोलकाता नाइट राइडर्स के खिलाफ 26 मार्च को सुपरकिंग्स के पहले मैच के दौरान पैर की मांसपेशियों में चोट लगी थी। यह सत्र का पहला मुकाबला भी था। चोट लगने के तीन हफ्ते बाद वह टूर्नामेंट बाहर हो गए थे।
तेज गेंदबाज दीपक चाहर पीठ की चोट के कारण टूर्नामेंट में बिना 1 मैच खेले बाहर हो गए थे। इससे पहले वेस्टइंडीज़ के ख़िलाफ़ दीपक को जो क्वाड्रीसेप (जांघ की मांसपेशियों) में दरार आई थी।
वह टीम के अहम खिलाड़ी थे इस कारण ही चेन्नई ने उन पर 14 करोड़ खर्च कर वापस अपने खेमे में लिया था। मगर नीलामी के कुछ दिनों बाद चाहर चोटिल हो गए और बेंगलुरु में राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी (एनसीए) में रिहैबिलिएटेशन के चलते श्रीलंका के खिलाफ श्रृंखला से भी चूक गए थे।
इसके बाद रविंद्र जड़ेजा भी पसली की चोट के कारण टूर्नामेंट के आखिरी दौर में बाहर हो गए थे।
गेंदबाजों ने किया निराश
गेंदबाजी चेन्नई की ताकत मानी जाती रही है लेकिन इस बार सभी गेंदबाजों खासकर तेज गेंदबाजों ने निराश किया। मुकेश चौधरी ने अंत में विकेट जरूर लिए लेकिन वह काफी महंगे साबित हुए। सिमरजीत सिंह का भी कमोबेश यह ही हाल रहा। सिर्फ श्रीलंका के स्पिनर महीश तीष्णा ने काफी प्रभावित किया।
दीपक चाहर की गैरमौजूदगी में पूरी चेन्नई का गेंदबाजी क्रम अनुभवहीन नजर आया। ड्वेन ब्रावो में भी वह धार नजर नहीं आई जिसके लिए वह जाने जाते हैं। उनकी धीमी गति की गेंदो को इस बार बल्लेबाज ने आसानी से पढ़ा और फिर जड़ा भी।