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Last Modified: सोमवार, 30 अप्रैल 2018 (21:36 IST)

ड्रायवर का बेटा बनेगा ब्रिटेन का गृहमंत्री

ड्रायवर का बेटा बनेगा ब्रिटेन का गृहमंत्री - UK Sadiq Javed Home Minister Pakistan
लंदन। ब्रिटेन की गृहमंत्री अंबर रूड ने प्रवासियों के निर्वासन लक्ष्यों की सच्चाई को लेकर संसद को ‘अनजाने में गुमराह’ करने की बात स्वीकार की और सोमवार (30 अप्रैल) को पद से इस्तीफा दे दिया।
 
अंबर का इस्तीफा प्रधानमंत्री टेरीजा मे के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है। पाकिस्तान के मूल के सादिक जावेद को नया गृहमंत्री बनाया गया है। 
 
खास बात यह है कि सादिक ब्रिटेन के पहले मुस्लिम गृहमंत्री हैं। अंग्रेजी वेबसाइट्‍स पर छपी खबर के मुताबिक  सादिक जावेद के पिता पाकिस्तान में बस ड्राइवर थे। 
 
साजिद जावेद के पिता बस में ड्राइवरी करते थे, जो 1960 के दशक में पाकिस्तान से ब्रिटेन आ गए थे। जावेद वर्ष 2010 में पहली बार ब्रॉम्सग्रोव सांसद बने और फिर तीन अलग-अलग विभागों के मंत्री रह चुके हैं। फिलहाल वे 'कम्युनिटीज़, लोकल गर्वंमेंट व हाउसिंग मंत्री का जिम्मा संभाल रहे थे। 
 
रुड ने गार्डियन द्वारा 2017 में टेरीजा मे को लिखे पत्र का खुलासा करने के बाद रविवार देर रात इस्तीफा दे दिया। पत्र में रुड ने प्रधानमंत्री थेरेसा को अवैध आव्रजकों को निर्वासित करने का लक्ष्य 10 फीसदी बढ़ाने को लेकर अपनी मंशा जाहिर की थी। 
 
यह उनके हाल ही में इस मुद्दे को लेकर दिए गए बयान के विपरीत है, जिसमें उन्होंने कहा था कि निर्वासन लक्ष्य के बारे में कोई जानकारी नहीं थी। अंबर (54 वर्ष) पर इस घोटाले को लेकर इस्तीफा देने का दबाव बढ़ रहा था। यह मामला उन कैरेबियाई आव्रजकों से जुड़ा था, जिन्हें 1940 के दशक में एक जलपोत एमवी एम्पायर विंडरश द्वारा ब्रिटेन लाया गया था। 
 
यह जलपोत 22 जून, 1948 को एसेक्स पहुंचा था। बाद में, ब्रिटेन के गृह मंत्रालय ने इन लोगों को ब्रिटिश नागरिक मानने से इनकार कर दिया। 
 
हाल के दिनों में अंबर और मे ने ‘विंडरश जेनरेशन’से कई बार माफी मांगी है और कहा है कि 1973 से पूर्व के राष्ट्रमंडल के जिन सभी प्रवासियों को ब्रिटेन की नागरिकता नहीं मिली है, उन्हें यह मिलेगी और जो प्रभावित हुए हैं, उन्हें मुआवजा मिलेगा। 
 
गौरतलब है कि कैरेबियाई देशों से आकर लंबे समय से ब्रिटेन में रह रहे इन निवासियों के लिए नीतियों के निर्धारण को लेकर लंबे समय से अंबर रुड पर दबाव था, जिनके कारण इन्हें स्वास्थ्य सुविधाएं, पेंशन और अन्य लाभ नहीं मिल रहे थे और उन पर निर्वासन का खतरा मंडरा रहा था, लेकिन इस मामले में अंबर ने अपनी गलती मानी और पदत्याग कर दिया।
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