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Last Updated : रविवार, 9 जनवरी 2022 (22:53 IST)

बंद होगा 'नर्क का दरवाजा'? वजह जानकर हो जाएंगे हैरान

बंद होगा 'नर्क का दरवाजा'? वजह जानकर हो जाएंगे हैरान - Turkmenistan wants to close Gates of Hell gas crater
तुर्कमेनिस्तान के काराकुम रेगिस्तान में पिछले 50 साल से जल रहे 'नर्क का दरवाजा' यानी 'गेटवे टू हेल' का नामों निशान जल्द ही मिटने वाला है। तुर्कमेनिस्तान सरकार ने अब इस 'नर्क के द्वार' को हमेशा के लिए बंद करने का फैसला किया है। 
 
दुनियाभर में 'नर्क का दरवाजा' नाम से मशहूर 'गेटवे टू हेल' दरअसल, 229 फुट चौड़ा और 66 फुट गहरा मीथेन गैस से भरा एक गड्ढा है। यहां पिछले 50 साल से लगातार मीथेन गैस का रिसाव हो रहा है।

इसके कारण गड्ढे में दिन-रात लगातार आग जलती रहती है। अब इस नर्क के द्वार को बंद करने की तैयारी की जा रही है। हालांकि यह पहली बार नहीं है जब ऐसा आदेश दिया गया है। इससे पहले भी कई बार कोशिश की जा चुकी है।
 
र्कमेनिस्तान के राष्ट्रपति गुरबांगुली बर्डीमुखामेदोव ने अपने अधिकारियों को आदेश दिया है कि इस गड्ढे में लगी आग को बुझाकर उसे पूरी तरह बंद कर दिया जाए। गुरबांगुली ने यह आदेश गड्ढे से निकलने वाले प्रदूषण के चलते पर्यावरण को होने वाले नुकसान का हवाला देते हुए दिया है। इस गड्ढे को गैस क्रेटर के नाम से भी जाना जाता है, जो 1971 से लगातार धधक रहा है। इस गड्ढे को पूरी तरह से बंद करने के निर्देश 2010 में भी दिए गए थे।
 
तुर्कमेनिस्तान के राष्ट्रपति गुरबांगुली ने अपने एक बयान में कहा कि इंसनों की गलती के कारण हमारा पर्यावरण दूषित हो रहा है। लोगों के स्वास्थ्य पर इसका बुरा प्रभाव पड़ रहा है। गड्ढे से निकलने वाली गैस आस-पास के गांव में रहने वाले लोगों की सेहत बिगाड़ रही है। उन्होंने कहा कि हम अपना बेशकीमती संसाधन भी खो रहे हैं। हम इसी मीथेन गैस का उपयोग बेहतरीन ऊजा के रूप में कर सकते हैं।