कश्मीर मुद्दे का हल चाहते हैं तुर्की के राष्ट्रपति
तुर्की के राष्ट्रपति रिसेप तईप एरडोगन ने भारत-पाकिस्तान के बीच चल रहे कश्मीर विवाद पर अंग्रेजी न्यूज चैनल WION के संवाददाता रमेश रामचंद्रन से कहा, मैं इस मुद्दे को लेकर काफी दुखी और परेशान हूं क्योंकि यह भारतीय उपमहाद्वीप में लोगों को बांट दिया है।
राष्ट्रपति ने कहा, मैं चाहता हूं कि भारत और पाकिस्तान के बीच वार्ता के लिए एक ओपन माध्यम बने जहां भारत के प्रधामंत्री और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इस मुद्दे को सदा के लिए हल कर सके। उन्होंने कहा, पिछले सात दशक से इस मुद्दे का निपटारा नहीं किया गया है और मुझे विश्वास है कि बातचीत आगे बढ़ाने से दोनों देशों को फायदा होगा।
कश्मीर मुद्दे के प्रारंभिक समाधान की मांग करते हुए तुर्की के राष्ट्रपति ने कहा कि झगड़े को आगे बढ़ाना, मुद्दे को आगे ले जाना और इन सवालों को ढोने से भावी पीढ़ियों के साथ अन्याय होगा। तुर्की, इस्लामी सम्मेलन संगठन (OIC) का सदस्य है इसके लिए कश्मीर मुद्दे महत्वपूर्ण हो गया है। एरडोगन ने कहा, पाकिस्तान में 100% मुसलमान रहते हैं और भारत में भी मुस्लिमों की आबादी काफी है। OIC के तौर पर, हम भारत के खिलाफ कभी कोई कदम नहीं उठाएंगे। हम कभी भारत के खिलाफ बयान जारी नहीं करेंगे। हम सभी चाहते हैं कि भारत और पाकिस्तान के बीच संबंध बेहतर बनाने के लिए एक ओपन माध्यम बने और कश्मीर समेत दोनों देशों के बीच सभी मुद्दों का निराकरण हो।
उन्होंने WION से कहा, मैंने व्यक्तिगत तौर प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ को इस बारे में कहते हुए सुना है, उनकी इच्छा है यह मुद्दा सदा के लिए हल हो जाए। इसलिए अगर हम वार्ता के लिए ओपन माध्यम बनाते हैं तो हम इसका हल निकाल सकते हैं। राष्ट्रपति ने उम्मीद है कि विवादास्पद सीमा विवाद को हल करने के लिए बहुपक्षीय वार्ता कारगर साबित होगा। राष्ट्रपति ने कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो इस प्रक्रिया में मेरे देश को भी शामिल किया जा सकता है। (एजेंसी)