तख्तापलट की कोशिश में 250 की मौत, 1440 लोग घायल
तुर्की में तख्तापलट की कोशिश में 250 से अधिक लोगों की मौत हो गई है, जबकि 1440 लोग घायल हो गए हैं। दूसरी ओर इस कोशिश में 3000 सैन्य कर्मियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। तुर्की के प्रशासन ने कहा है कि उसने सेना के अंसतुष्ट सैनिकों की ओर से राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन से सत्ता कब्जाने की कोशिश को विफल कर देने के बाद पूरे देश पर नियंत्रण फिर हासिल कर लिया है।
अपने 13 साल के निरंकुश शासन को मिली रक्तरंजित चुनौती के बाद एर्दोगन ने अपने समर्थकों से आठ करोड़ की जनसंख्या वाले इस रणनीतिक नाटो सदस्य देश में कल की तरह किसी भी संभावित अराजकता को रोकने के लिए सड़कों पर जमे रहने का आह्वान किया। तख्तापलट की साजिश में पहले ही 2839 सैनिकों को हिरासत में लिए जाने के साथ ही अधिकारियों ने इस साजिश के लिए अमेरिका में रहने वाले एर्दोगन के प्रतिद्वंद्वी धर्मगुरु फतहुल्ला गुलेन को जिम्मेदार ठहराया गया है।
आज तड़के तुर्कीवासियों को टेलीविजन पर तख्तापलट की विफलता के बाद बड़ी संख्या में सैनिक आत्मसमर्पण करते हुए नजर आए। कुछ ने अपने हाथ उठा रखे थे जबकि कुछ जमीन पर लेटे थे।
प्रधानमंत्री बिनाली यिलदीरिम ने कहा, 'हालात अब पूरी तरह नियंत्रण में है।' उनके साथ तुर्की के शीर्ष जनरल थे, उन्हें भी साजिशकर्ताओं ने बंधक बना लिया था। यिलदीरिम ने देश में तख्तापलट के प्रयास को लोकतंत्र के लिए 'काला धब्बा' करार देते हुए कहा कि रात में हिंसा में 161 लोग मारे गए हैं और 1,440 लोग घायल हुए हैं।
यिलदीरिम ने तख्तापलट के प्रयास के लिए अमेरिका में रह रहे तुर्क धर्मगुरु फतहुल्ला गुलेन के समर्थकों को जिम्मेदार ठहराया है। अब तक अमेरिका गुलेन को प्रत्यर्पित करने के तुर्की के आदेश पर ज्यादा दिलचस्पी नहीं दिखाई है।
तुर्की के प्रधानमंत्री ने कहा, 'फतहुल्ला गुलेन एक आतंकवादी संगठन का नेता है। उसके पीछे जो भी देश है वो तुर्की का मित्र नहीं है और उसने तुर्की के खिलाफ गंभीर युद्ध छेड़ रखा है।'